नगरपालिका परिषद किरंदुल में हुए अविश्वास प्रस्ताव मे अध्यक्ष मृणाल राय की हुई जीत या हार
रिपोर्टर : किशोर कुमार रामटेके
किरंदुल। छत्तीसगढ़ के सब से धनी नगरपालिका मे 8 जनवरी को कांग्रेस के 7 भा ज पा के 4 निर्दलीय 1 और सी पी आई के 1 पार्षदों ने मिल कर जिला कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसको गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर 29 जनवरी को फ्लोर टेस्ट की तारीख तय की थी, जिसमें आज फ्लोरे टेस्ट हुआ।
नगरपालिका अध्यक्ष अपनी कुर्सी बचाने मे कामयाब तो हुए पर वो जीत के भी हार गये इसका कारण है, की मौजूदा स्थिति में कांग्रेस के 12 पार्षद है। भाजपा के 4 पार्षद निर्दलीय 1और सीपीआई के 1 कुल मिलाकर 18 पार्षद हैं।
विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि कांग्रेस कमिटी के नेताओं ने कांग्रेस के पार्षदों के साथ बैठक कर एक निर्णय लिया गया था, जिसमें यह था कि मृणाल राय नगर पालिका अध्यक्ष की और कांग्रेस की इज्जत दाओ पर ना लगे इसके लिए कांग्रेस के सभी पार्षद मिलकर मृणाल राय को अध्यक्ष के लिए फ्लोर टेस्ट में पास करेंगे और उसके तुरंत बाद मृणाल राय अपने पद से इस्तीफा देकर किसी और को अध्यक्ष बनाया जाएगा।
लेकिन विचारणीय विषय यह है कि कांग्रेस के पास 12 पार्षद होने के बाद भी मीनल राय को 10 वोट मिला यह उनकी हर को दर्शाता है और मृणाल राय के जीत तब संभव होती है, जब मृणाल राय को अपने कांग्रेस पार्षदों की 12+ वोट और उससे बढ़कर वोट मिलती तो उनकी जीत मानी जाती और इस तरह से वह अपने जीत का जस्न मानते।