रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग द्वारा प्रोटेक्शन रिव्यु ग्रुप की बैठक हुई। इसी बैठक की अनुशंसा के आधार पर विशिष्ट और अति विशिष्ट व्यक्तियों को सुरक्षा श्रेणी प्रदान की जाती है, जिसके लिए निर्धारित मापदंड तय किए जाते हैं एवं विशिष्ट और अति विशिष्ट व्यक्तियों के प्रवास और भ्रमण के दौरान सुरक्षा प्रदान की जाती है।
बैठक में जहां माननीय मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय ,अनूप नाथ विधायक अंतागढ़,हरीश कावासी लखमा अध्यक्ष जिला पंचायत सुकमा, दिनेश कश्यप पूर्व सांसद बस्तर ,संतोष बाफना पूर्व विधायक जगदलपुर, विक्रम उसेंडी पूर्व सांसद , राज गंजाम विधायक कोटा ,विक्रम शाह मंडावी विधायक बीजापुर की सुरक्षा श्रेणी को यथावत रखते हुए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भ्रमण एवं प्रवास पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है। वहीं रामविचार नेताम पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद राज्यसभा ,बेदू राम कश्यप पूर्व विधायक चित्रकूट ,लच्चू राम कश्यप पूर्व विधायक चित्रकूट, शंकर धूर्वा पूर्व विधायक कांकेर सहित 20 से अधिक भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद एवं विधायकों की सुरक्षा में कटौती की गई है।
जहां जेड सुरक्षा श्रेणी प्रदान की गई थी उसे वाय कैटेगरी में कन्वर्ट किया गया है, जहां वाय प्लस की सुरक्षा श्रेणी निर्धारित की गई थी उन्हें वाई स्तर की सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। कुछ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की सुरक्षा श्रेणी को पूर्णता हटा दिया गया है, जिसको लेकर भाजपा राजनीतिक दबाव बना रही है।
इस आदेश के आने के बाद भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आज राजभवन में राज्यपाल से भी मिला, जहां वरिष्ठ मंत्री डॉ शिव डहरिया का कहना है कि गृह विभाग की बैठक में जो आया होगा वह अलग मुद्दा हो सकता है, लेकिन बस्तर में किसी भी प्रकार की कोई घटनाएं नहीं घट रही है। बस्तर का हर निवासी आज अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा है।
इस मामले पर पर जनता पार्टी के पूर्व विधायक लच्छू राम कश्यप का कहना है कि बस्तर अतिसंवेदनशील क्षेत्र है जहां फॉलो गार्ड के साथ हमारे कई वरिष्ठ नेताओं के सुरक्षा में लगे सुरक्षा अधिकारियों को हटा दिए गया हैं जो सुरक्षा के मामले में अति गंभीर विषय है। इस विषय पर हमने आज राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन भी सौंपा है यह भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायकों , पूर्व सांसदों और वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा से बड़ा खिलवाड़ है।