कांग्रेस की बैठक पर भाजपा की टिप्पणी अवांक्षित और भाजपा की बौखलाहट – कांग्रेस
रायपुर। कांग्रेस नेतृत्व के द्वारा राज्य में कांग्रेस की चुनावी तैयारी की समीक्षा के लिये बुलाई बैठक से भाजपा घबरा गई है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा नेताओं रमन सिंह और अन्य नेताओं के द्वारा कांग्रेस की बैठक के संबध में की गयी टिप्पणी अवांक्षित और भाजपा के अंदर के डर को प्रदर्शित कर रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा बुलाई गई बैठक में कांग्रेस की सरकार के 2023 में फिर से वापसी का रोडमैप तैयार हो गया है। वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में आने वाले चुनाव में पार्टी की रणनीति के साथ मुद्दो पर व्यापक चर्चा हुई है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की बौखलाहट का कारण यह भी है कि जनता ने मन बना लिया है राज्य में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी। आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार की उपलब्धियों और मोदी सरकार की नाकामियां तथा वायदा खिलाफी को जनता के बीच लेकर जायेंगे। साथ ही भाजपा की रमन सरकार के 15 साल के भ्रष्टाचार भी हमारे चुनावी हथियार पर होंगे। एक तरफ जहां कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र के 95 प्रतिशत वायदों को पूरा किया है वहीं भाजपा की मोदी सरकार ने अपने महत्वपूर्ण वायदो 2 करोड़ युवाओं को हर साल रोजगार, किसानों की आय दुगुनी करने तथा 100 दिनों में महंगाई कर विदेश से कालाधन लाना तथा हर के खाते में 15 लाख जैसे वादो को मोदी सरकार ने जमुला बता दिया था। इसे भी हम जनता के बीच लेकर जायेंगे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस के पास बताने के लिये अपने सरकार के गौरवशाली जनहित के काम है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी कृषि मजदूर न्याय योजना छत्तीसगढ़ की तस्वीर को बदला है। हमारी सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र के 90 प्रतिशत वायदों को पूरा किया है। छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दविहीन है। इसके विपरीत कांग्रेस के पास अपनी सरकार के 4 सालों के काम की लंबी फेहरिस्त है। जनता, कांग्रेस सरकार बनाम भाजपा के 15 साल की तुलना कर रही है। भाजपा ने 2003 में आदिवासियों को 10 लीटर दूध वाली गाय देने का वायदा किया था, हर आदिवासी परिवार से एक को सरकारी नौकरी का वायदा किया था, पूरा नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों से किये वादों को पूरा किया।