भाजपा उग्रवादियों को सदस्य बनाती है और उनके नेता नक्सलियों के मददगार बनते है
रायपुर। भाजपा विधायक एवं प्रवक्ता रंजना साहू के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा विधायक एवं प्रवक्ता रंजना साहू बताये जब भाजपा ने अपने ऑफिशयल ट्विटर में छत्तीसगढ़ को मिनी पाकिस्तान लिखकर अपमानित किया तब वो मौन क्यों थी? क्या रंजना साहू और भाजपा छत्तीसगढ़ को पाकिस्तान का हिस्सा मानते है? भाजपा ने असम में बोडो उग्रवादियों को अपना सदस्य क्यों बनाया? जिन उग्रवादियों के ऊपर नरसंहार का आरोप है? उग्रवादी नक्सलियों अपराधियों के प्रति भाजपा का झुकाव पूरा देश देख रहा है। भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत से ही भाजपा नेताओं के विरोधी बयान आ रहे थे। भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के बाद केंद्र की मोदी सरकार बैक फुट में आई है और आज भारत जोड़ो यात्रा के 1 वर्ष पूरा होने के बाद भी भाजपा नेताओं का डर दिख रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के 15 साल में बड़े-बड़े पदाधिकारी सांसद संसद के प्रतिनिधि विधायक का प्रतिनिधि जिला पंचायत के सदस्य नक्सलवादियों के सहयोगी के रूप में सामने आए थे लता उसेंडी रमन सरकार के मंत्री राम विचार नेताम के नक्सलियों को चंदा देते रशीद सामने आई थी धर्मेंद्र चोपड़ा भाजपा के तत्कालीन सांसद ,जगत पुजारा भाजपा के पूर्व विधायक का पुत्र जिला उपाध्यक्ष, पोडियम लिंग भाजपा का पदाधिकारी तब नक्सलियों के मददगार के रूप में सामने आए।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि विधायक रंजना साहू बताएं शुभ्रांशु चौधरी की पुस्तक उसका नाम वासु नहीं है में लिखी गई बातों में कितनी सत्यता है? और आज तक भाजपा नेताओं ने उस पुस्तक का खंडन क्यों नहीं किया? भाजपा नेताओं के नक्सलियों के साथ कितना गहरा रिश्ता है उसे पुस्तक के पेज क्रमांक 101 में लिखी गई बातों से स्पष्ट होता है पुस्तक में दावा किया गया कि नक्सली भाजपा नेता लता उसेंडी और विक्रम उसेंडी के घर खाना खाते थे इस किताब के तथ्यों के प्रकाशन के वर्षों बाद भी भाजपा नेताओं ने कभी खंडन ने किया था। रमन्ना के कुछ फॉरेस्ट अफसर के साथ अच्छे संबंध भी रहे हैं लता उसेंडी के पिता जो फॉरेस्ट रेंजर थे वह हमारा साहित्य नारायणपुर में छपवाते थे लता उसेंडी छत्तीसगढ़ की मंत्री है और उनके पिता एक सरकारी संस्था अबूझमाड़ विकास प्राधिकरण के प्रमुख हैं विक्रम उसेंडी के घर गया हूं और उसके रिटायर्ड हेड मास्टर पिता के साथ खाना खाया है हमारे समर्थन रैली में भी भाग लिया था जब उसेंडी एमएलए बन गए मैं उन्हें मिलने के लिए बुलाया था वह अपनी कार में आए थे लेकिन मुझे मिले बिना चले गए।ये सारी बाते उस पुस्तक में लिखी है। जिसका आज तक खण्डन भाजपा नेताओं ने खण्डन नही किया है।