तहलका खुलासा

Tehelka Special Investigation Report : छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर की शासकीय भूमि पर बड़े भूमाफियाओं का कब्जा, हरिहर छत्तीसगढ़ योजना में तैयार हजारों वृक्षों को काट कर धड़ल्ले से अवैध बहुमंजिला इमारतों का निर्माण शुरू

स्टेट हेड – पंकज विश्वकर्मा

रायपुर। नवा रायपुर के ग्राम पचेड़ा में स्थित रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट द्वारा खसरा क्रमांक 1565 रकबा 16 . 68 हेक्टेयर ,खसरा क्रमांक 1567 रकबा 0.050 हेक्टेयर, खसरा क्रमांक 657 रब्बा 1.79 हेक्टेयर भूमि और एक किसान रामानुज यादव परिवार की खसरा क्रमांक 577/1,2,3,4 लगभग एक एकड़ से ज्यादा भूमि जो ट्रस्ट द्वारा स्थापित महाविद्यालय से लगकर है ,उस पर ट्रस्ट ने अपने बाहुबल और ऊंची प्रशासनिक पहुंच के दम पर कब्जा कर लिया है। तहलका के स्टेट हेड पंकज विश्वकर्मा ने एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के माध्यम द्वारा इस पूरे मामले को उजागर किया है।

दरअसल रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट द्वारा राज्य बनने के बाद नवा रायपुर स्थित ग्राम पचेड़ा में एक महाविद्यालय की स्थापना की थी, परन्तु कई कारणों से उक्त महाविद्यालय बंद हो गया। उसके बाद संस्थान द्वारा निजी मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी की गई है। परंतु स्वास्थ्य मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए कड़े मापदंड तय किये है। उन मापदंड को पूरा करने के लिए संस्थान को अतिरिक्त भूमि और भवन की आवश्यकता है। ट्रस्ट के पास उनकी अपनी भूमि खसरा क्रमांक 1566 रकबा 2.80 हेक्टेयर भूमि है और उस पर निमार्ण कार्य किया गया है परंतु मेडिकल कॉलेज के मापदंड के अनुसार अतिरिक्त भूमि और भवन की आवश्यकता है, इसलिए ट्रस्ट द्वारा अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए किसान परिवार की एक एकड़ से ज्यादा भूमि पर कब्जा कर उस पर रोड का निर्माण किया गया है, साथ ही महाविद्यालय का जो मुख्य द्वार है वो भी शासकीय भूमि पर कब्जा कर बनाया गया है।

ट्रस्ट की जमीन के पीछे स्थित शासकीय भूमि पर 2016 में हरिहर छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत 40 एकड़ भूमि पर वन विभाग द्वारा सघन वृक्षारोपण कर फलदार वृक्ष और बेशकीमती लकड़ी साल -सागोन रोप कर देखभाल कर विकसित किया गया था।

उक्त सभी पेड़ आज दस से पंद्रह फीट तक ऊंचाई प्राप्त कर लिये है परंतु ट्रस्ट द्वारा निजी मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए ना सिर्फ शासकीय भूमि और निजी भूमि पर कब्जा किया गया बल्कि हजारों वृक्षों को बड़ी बेदर्दी से काट दिया गया, साथ ही हजारों घनमीटर लकड़ी को भी अपने निजी उपयोग में लाया गया है जबकि वो सारी लकड़ियां शासकीय संपत्ति थी।

तहलका के पास इस संबंध में सभी दस्तावेज है जो इस मामले को उजागर करने के लिए आवश्यक है। किसान परिवार द्वारा तहसीलदार को आवेदन देकर सीमांकन करवाया गया तो पटवारी और राजस्व निरीक्षक द्वारा मौका मुआयना सहित नापजोख आदि समस्त शासकीय प्रकिया का पालन कर अपनी विवेचना रिपोर्ट में साफ कहा है कि उक्त पूरी भूमि किसान परिवार रामानुज यादव की और इस पर ट्रस्ट का कब्जा है, साथ ही उस ज़मीन पर पक्का रोड़ रास्ता बना कर ट्रस्ट द्वारा उपयोग में लाया जाता है।

इस संबंध में ग्राम पंचायत ने भी सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है कि शासकीय भूमि का सीमांकन तहसीलदार द्वारा कराए जाये और अवैध कब्जे से भूमि को मुक्त कराया जाये। परंतु ट्रस्ट के कर्ताधर्ता और बड़े पदों पर बैठे पदाधिकारियों द्वारा ना सिर्फ ग्रामीणों को धमकाया जाता है बल्कि तहलका स्टेट हेड को भी इस मामले को उजागर करने पर भारी कीमत चुकाने की धमकी दी गई है। इस पूरे मामले को जब कलेक्टर रायपुर के सामने लाया गया तो उन्होंने इस पर जांच कर कार्यवाही का भरोसा दिलाया गया है।

तहलका न्यूज़ से इस विषय की जानकारी प्राप्त हुई है, इस पर कठोर क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी“ डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे जिलाधीश रायपुर

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