भूपेश, गहलोत के खत का जवाब दें- नारायण चंदेल

कोल खनन को लेकर कांग्रेस की नूरा कुश्ती का भेद खुला

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कोल ब्लॉक रद्द करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मांग और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा जमीन देने के लिए श्री बघेल को लिखी गई चिट्ठी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पहले तो जवाब दें कि वे राजस्थान की मांग पर जमीन दे रहे हैं या नहीं? कांग्रेस की नूरा कुश्ती एक बार फिर सामने आ गई है।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि भूपेश बघेल एक तरफ तो राजस्थान के कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आग्रह पर कोल ब्लॉक खनन के लिए पेड़ काटने एनओसी देते हैं और कहते हैं कि बिजली चाहिए तो कोयला जरूरी है। विरोध करने वाले पहले अपने घर की बिजली बंद कर लें, फिर राजनीति करें। दूसरी तरफ वे केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि आवंटित कोल ब्लॉक निरस्त किए जाएं! एनओसी किसने और क्यों दी, जनता जानती है। उन्होंने कहा कि हसदेव के जंगलों की कटाई की एनओसी देने वाले भूपेश बघेल की झूठ की दुकान 3 माह में बंद होने वाली है। कांग्रेस का दोहरा चरित्र जनता के सामने है। कांग्रेस पहले अपना स्वार्थ सिद्ध करती है और फिर शोर मचाती है। भूपेश बघेल किस स्तर की राजनीति करते हैं, वे चालबाजियों में कितने माहिर हैं, यह छत्तीसगढ़ की जनता ने पौने पांच साल में अच्छी तरह अनुभव कर लिया है। अब जनता के सामने उनकी कोई चालाकी चलने वाली नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि कांग्रेस में राहुल-सोनिया गांधी से लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव तक सब के सब नौटंकी कर रहे हैं। इनके राजस्थान के मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की शिकायत सोनिया गांधी से करते हैं कि वे छत्तीसगढ़ में राजस्थान के लिए आवंटित कोल ब्लॉक की एनओसी रोककर रखे हुए हैं। उनके साथ क्या सौदेबाजी हुई, यह भूपेश बघेल बतायें कि सोनिया दरबार में मामला पहुंचने के बाद एनओसी मिल गई। पेड़ों का कत्लेआम शुरू हो गया। लाखों पेड़ कट गए।

दूसरा ड्रामा यह कि सिंहदेव कहते थे कि पेड़ बचाने पहली गोली वे खाएंगे। भूपेश बघेल कहते थे कि पेड़ क्या डंगाल भी नहीं कटेगी। तब आखिर क्या हुआ कि डंगाल तो क्या पूरा जंगल कट रहा है। क्या उप मुख्यमंत्री बनने के बाद सिंहदेव मीठी वाली गोली खा रहे हैं। तीसरा ड्रामा यह कि राहुल गांधी कहते थे कि पेड़ नहीं कटने दूंगा। लेकिन जब भूपेश बघेल ने लाखों पेड़ काटने की अनुमति दे दी तब विदेशी धरती पर राहुल गांधी की कोरी बकवास के बीच सवाल सामने आया कि हसदेव में आपकी भूपेश सरकार ने पेड़ काटने की इजाजत क्यों दी है तो उन्होंने कहा था कि इस पर कार्यवाही करेंगे। राहुल गांधी भारत आकर चुप्पी साध गए। भूपेश बघेल बतायें कि क्या डील हुई? राहुल की सीधी डील हुई या भूपेश बघेल और अशोक गहलोत ने मध्यस्थता की।

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