हमर प्रदेश/राजनीति

मधुमक्खी और रेशम कीट पालकों को मिलेगा बिना ब्याज का ऋण

मधुमक्खी पालन और रेशम कीट पालन को कृषि का दर्जा

मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में कृषि मंत्रालय ने जारी किया आदेश

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के परिपालन में आज यहां कृषि विभाग मंत्रालय द्वारा राज्य में मधुमक्खी पालन और रेशम कीट पालन को कृषि का दर्जा दिए जाने के साथ ही इसके पालकों को बिना ब्याज के ऋण सुविधा उपलब्ध कराए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। कृषि विकास एवं कृषि कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के तहत छत्तीसगढ़ में मधुमक्खी एवं रेशम कीट पालकों को संस्थागत अल्पकालीन एवं मध्यकालीन कृषि ऋण पर ‘राज्य के कृषकों को सहकारी ऋणों पर ब्याज अनुदान नियम 2021’ के आधार पर प्रदान किए जाएंगे।

गौरतलब है कि केन्द्र प्रवर्तित एकीकृत बागवानी मिशन अंतर्गत मधुमक्खी पालन की एक यूनिट की इकाई लागत 2.31 लाख रूपए निर्धारित की गई है, जिसमें हितग्राहियों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। वित्तीय वर्ष में एकीकृत बागवानी मिशन के तहत मधुमक्खी पालन के लक्ष्यों की शतप्रतिशत पूर्ति होने की दशा में लंबित आवेदनों को निर्धारित ऋणमान के अनुसार बैंक एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा अल्पकालीन कृषि ऋण दिया जाएगा। मधुमक्खी पालको को बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से प्राप्त ऋण पर राज्य के कृषकों को सहकारी ऋणों पर ब्याज अनुदान नियम 2021 के अंतर्गत सहकारिता एवं वित्त विभाग के द्वारा वहन किया जायेगा। देय ब्याज अनुदान की अधिकतम सीमा मुख्य योजना के समान होगी।

इसी तरह रेशम कीट पालकों को संस्थागत मध्यकालीन कृषि ऋण पर ब्याज अनुदान तथा राज्य के किसानों के समान विद्युत प्रभार में अनुदान मिलेगा। जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार द्वारा संचालित सिल्क समग्र-2 योजना के तहत रेशम कीट पालन करने वाले लघु एवं सीमांत श्रेणी के किसानों को केन्द्रांश और राज्यांश को मिलाकर कुल 90 प्रतिशत तथा अन्य कृषकों को 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।

शहतूत पौधों पर रेशम कीट पालन हेतु प्रति एकड़ लागत 5 लाख रूपए ऋणमान के आधार पर ऋण स्वीकृति दी जाएगी। निर्धारित ऋणमान में सिल्क समग्र-2 में देय अनुदान के अतिरिक्त कृषक श्रेणीवार हितग्राही अंश को बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से संस्थागत ऋण कृषि फसलों के भांति शून्य प्रतिशत ब्याज के रूप मध्यकालीन कृषि ऋण के रूप में स्वीकृत किया जायेगा।

वित्तीय वर्ष में सिल्क समग्र-2 योजना के तहत प्रदेश को प्रदायित लक्ष्यों की शतप्रतिशत पूर्ति होने की दशा में लंबित आवेदनों को निर्धारित ऋणमान के अनुसार बैंक एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा मध्यकालीन कृषि ऋण की सुविधा दी जाएगी और प्राप्त ऋण पर 03 वर्षाे तक वित्त पोषण राज्य के कृषको को सहकारी ऋणों पर ब्याज अनुदान नियम 2021 के अंतर्गत सहकारिता एवं वित्त विभाग के द्वारा वहन किया जायेगा। सभी बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा सिल्क समग्र-2 योजना में भारत सरकार द्वारा निर्धारित नार्म्स अनुसार कृषकों को ऋण की स्वीकृति प्रदाय की जायेगी। देय ब्याज अनुदान की अधिकतम सीमा मुख्य योजना के समकक्ष होगी।

itehelka

Tehelka Ind, the leading news channel in India, is dedicated to delivering the latest and most accurate news to its viewers. With a team of experienced journalists and reporters, Tehelka Ind covers all aspects of news, from politics and business to entertainment and sports. Our commitment to impartiality and accuracy has made us a trusted source of news for millions of viewers across the country.

Related Articles

Back to top button