विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति सर्वोच्च समर्पण का भाव जागृत करना, शिक्षा का मूल ध्येय : मंत्री परमार

तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री परमार ने कहा कि भारत, ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी होकर विश्व को मार्गदर्शन करने वाला राष्ट्र रहा है। हमारे पूर्वजों ने जो श्रेष्ठ जीवन मूल्य स्थापित किए थे, उन मूल्यों के आधार पर राष्ट्र के परम वैभव की पुनः प्राप्ति में सहभागी बनने की आवश्यकता है। स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष में देश को ज्ञान के क्षेत्र में पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए विद्यार्थियों को नींव का पत्थर बनना होगा। इसके लिए अपने लोगों, अपने ज्ञान, श्रेष्ठ जीवन पद्धति और अपनी उपलब्धियों पर गर्व करने का भाव जागृत करने की आवश्यकता है। श्री परमार ने विद्यार्थियों को सर्वोच्च समर्पण के साथ राष्ट्र एवं समाज निर्माण में सहभागिता कर शिक्षा के सम्पूर्ण उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित भी किया। श्री परमार ने कहा कि विद्यार्थियों का शिक्षा अर्जित करने का उद्देश्य मात्र रोजगार प्राप्ति न होकर, समाज के प्रश्नों का समाधान करने में सहभागिता करने वाला श्रेष्ठ नागरिक बनना हो। उन्होंने कहा जिस तरह से हमारे पूर्वजों ने भारत को विश्वमंच पर सिरमौर बनाकर विश्वगुरु बनाया था, उसी तरह हमें भी अपने जीवन को सार्थक बनाकर देश की प्रगति में अपना सर्वोच्च समर्पण देना होगा और भारत को पुनः विश्वमंच पर सर्व शक्तिशाली बनाने की संकल्पना में सहभागिता कर, अपने पूर्वजों का ऋण अदा करना होगा। श्री परमार ने विद्यार्थियों के दीक्षारंभ के लिए अभिविन्यास (ओरिएंटेशन) कार्यक्रम की सार्थकता एवं सफलता प्राप्ति के लिए संस्थान परिवार को शुभकामनाएं भी दी।

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) भोपाल के निदेशक श्री आशुतोष सिंह ने कहा कि उनका लक्ष्य संस्थान के हर विद्यार्थी को अध्ययन उपरांत रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है। श्री सिंह ने कहा कि विद्यार्थी संस्थान के नियम एवं अनुशासन का पालन और अनुसरण करें और संस्थान में अधिकतम उपस्थिति सुनिश्चित करें। श्री सिंह ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं भी दीं।

अभिविन्यास कार्यक्रम में संस्थान के छात्र एवं छात्राओं द्वारा नृत्य, संगीत, नाटक, और लोक कला सहित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर सेवानिवृत्त सिविल सेवक (IAS) श्री के.वी.एस. राव, मैनिट के प्रभारी निदेशक डॉ शैलेन्द्र जैन, BHEL (भेल) के जनरल मैनेजर श्री आशीष औरंगाबादकर एवं श्री सत्य साईं कॉलेज फॉर वुमेन की निदेशक डॉ. प्रतिभा सिंह सहित संस्थान के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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