छत्तीसगढ़

आर्सेलर मित्तल कंपनी के जहरीले लाल मिट्टी की फरसपाल तालाब में डंपिंग आदिवासियों की जान से खिलवाड़ : किसान नेता संजय पंत

दंतेवाड़ा। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संजय पंत ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से टिप्पणी कर कहा कि आर्सेलर मित्तल कंपनी लौह अयस्क के साथ जहरीली लाल मिट्टी को भी मालगाड़ी से ले जाएं। किसान नेता आगे कहते हैं कि कंपनी आदिवासी किसानों की उपजाऊ भूमियों पर जहरीली लाल मिट्टी दफन कर स्थानीय आदिवासियों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही है।

आर्सेलर मित्तल कंपनी द्वारा विगत वर्षों में भी जहरीली लाल मिट्टी को मांई जी की पावन बगिया व नदी तट पर समतलीकरण के नाम से भारी भरकम टिप्परों के माध्यम से किरंदुल से लाकर दफनाने की कोशिश की गयी थी। इस बार आर्सेलर मित्तल कंपनी एवं लालची ठेकेदारों की नजर जहरीली लाल मिट्टी दफनाने के लिए फरसपाल एवं टेकनार जैसे ग्रामीण आदिवासी किसानों की फसल देने वाली जमीनों पर है।

किसान नेता संजय पंत ने आगे कहा कि आर्सेलर मित्तल कंपनी द्वारा किरंदुल से जहरीली लाल मिट्टी को अन्य जगहों पर लाकर दफनाने का काम स्थानीय राजनेताओं व जिला प्रशासन की अनुमति के बिना संभव नहीं है। जहरीली लाल मिट्टी को ग्रामीण आदिवासी किसानों की उपजाऊ भूमियों पर दफनाने के इस पूरे खेल में कंपनी, लालची ठेकेदार, स्थानीय राजनेता एवं जिला प्रशासन की भूमिका शक के घेरे में है।

ग्राम पंचायत व ग्राम सभा की बैठकों एवं अनुमति की दुहाई देकर अनैतिक काम करवाने वाले जिला प्रशासन के अधिकारियों को यह सोचना चाहिए, कि दुनिया का ऐसा कौन सा इंसान होगा जो अपने ही गांव एवं घर में जहरीली लाल मिट्टी दफन करवा कर अपने व अपने परिवार के जान के साथ खिलवाड़ करेगा। गरीबी व कुपोषण की मार झेल रही आदिवासी जनता यदि जहरीले लाल मिट्टी की चपेट में आकर अपनी जान गवाएगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।

इस पूरे घटनाक्रम ने यह बात साबित कर दिया है, कि आदिवासियों की जान की कीमत कांग्रेस एवं भाजपा दोनों के ही शासन काल में शून्य के बराबर है, लेकिन अंतर सिर्फ इतना है कि भाजपा शासन काल में आदिवासी मुख्यमंत्री के हाथों ही आदिवासियों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हेलीकॉप्टर से उड़कर आने वाले एवं जिला मुख्यालय घूम कर वापस लौट जाने वाले मुख्यमंत्री से आदिवासी जनता यह सवाल करती है की क्या इसीलिए उन्होंने अपना कीमती वोट देकर भाजपा को राज्य की सत्ता सौंपीं थी।

भारतीय किसान यूनियन इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं दंतेवाड़ा जिला प्रशासन को यह आगाह करता है, कि शीघ्रातिशीघ्र यदि लाल मिट्टी को आदिवासियों के उपजाऊ जमीनों में दफनाने के इस खेल को बंद नहीं किया गया एवं दफनाई गई मिट्टी को किसानों की जमीनों से वापस हटाया नहीं गया तो भारतीय किसान यूनियन इस लाल जहरीली मिट्टी को ट्रैक्टरों में भरकर रायपुर में मुख्यमंत्री निवास एवं दंतेवाड़ा जिला प्रशासन के अधिकारियों के सरकारी निवास में डंप करेगा।

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