रिपोर्टर : सुभाष मिश्रा
रीवा। रीवा जिले के जवा तहसील अंतर्गत नगर परिषद डभौरा में व्याप्त भ्रष्टाचार व नगरपरिषद के वार्डो की समस्यायों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता रामनरेश यादव के द्वारा लगातार आवाज उठायी जाती थी, लेकिन नगरपरिषद के जिम्मेदार अधिकारियों व नगरपरिषद अध्यक्ष के द्वारा अनदेखा किया जाता रहा है। जिसके निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियो को अनशनकारी द्वारा कई बार आवेदन दिया गया और चेतावनी दी गयी फिर संबंधित विभाग के द्वारा ध्यान नही दिया गया। तब नगरपरिषद की समस्यायों को देखते हुए इस भीषण गर्मी में 10 जून 2024 से सामाजिक कार्यकर्ता रामनरेश यादव के द्वारा नगरपरिषद कार्यालय डभौरा के सामने क्रमिक अनशन शुरू किया गया लेकिन 4 दिन बीतने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई खोज खबर नही ली गयी।
तब मजबूरन आज दिनांक 14 जून 2024 से कई वार्ड के पार्षदों, समाजसेवियो एवं सैकड़ो क्षेत्रीय जनमानस के उपस्थिति में आमरण अनशन शुरू किया गया।
नगर परिषद डभौरा में वार्ड पार्षद और सैकड़ों समाजसेवी और ग्रामीणों ने नगर परिषद में बड़ते भ्रष्टाचार को लेकर पांच दिन आमरण अनशन में बैठे समाजसेवी ने बताया कि नगर परिषद में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा आम जनता परेशान हैं, परन्तु न अध्यक्ष और सीएमओ कोई जनता की समस्या को सुनने को तैयार नहीं है, जिससे आम जनता त्रस्त हो गई। जिसके चलते आज मुझे नगर परिषद के सामने आमरण अनशन करना पड़ता वहीं समाजसेवी रामनरेश यादव ने गंभीर आरोप लगाया गया है, कि अध्यक्ष माया गृप्ता के पति अध्यक्ष्ता करते हैं व माया गृप्ता के फर्जी हस्ताक्षर करते हैं।
वहीं हर वार्ड में पानी की गंभीर समस्या है, परन्तु दो टैंकर है जिनके बाजारों में ही उपलब्ध होता परन्तु और वार्ड में नहीं दिया जाता है। रजिस्टर में लिखा गया 98,100 ट्रिप लिखा जाता है एक वार्ड स्ट्रीट लाइट 160 लगाया गया तो वहीं दूसरे वार्ड स्ट्रीट लाइट नहीं दिया गया है। सड़क नाली का निर्माण तो कमीशन में चल रहा है, जब से नगर परिषद बनी है तब से भ्रष्टाचार चल रहा है फर्जी नियुक्ति अस्थाई कर्मचारी, नियम विरूद्ध बने हुए हैं तैनात हैं। पांच दिन से मैं आमरण अनशन में बैठा हूं कल से मैं नगर परिषद के गेट के पास आमरण अनशन में बैठूंगा चाहें मेंरी जान क्यों न चली जाए, जब तक सभी कार्य की जांच नहीं हो जाती तब तक क्रमिक अनशन पर मांग पूरी नही होने से 5वे दिन से आमरण अनशन शुरू हो गया है। वही वार्ड क्रमांक -7 की पार्षद आसमां आदिवासी ने कहा कि वार्ड में व्याप्त समस्याओं को लगातार बैठक में आवाज उठाते रहें उसके बावजूद भी एक न सुनी गई। नगरपरिषद अध्यक्ष द्वारा अपने चहेते वार्ड पार्षद के वार्डो में काम को प्राथमिकता दिया जाता है तथा अन्य वार्डों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
नगर परिषद डभौरा में रीवा जिले का प्रथम रेलवे स्टेशन, स्टेट बैंक, स्वास्थ केंद्र, विद्यालय होने के कारण हजारों की तादात में महिलाएं किशोरियों का आवागमन बना रहता है, लेकिन यहा पर एक भी सुलभ कांप्लेक्स की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं, पूर्व में ग्राम पंचायत द्वारा शौचालय भवन का निर्माण किया गया था, जिसको नगर परिषद द्वारा रिपेयर तो कराया गया लेकिन पूरी तरीके से उपयोग हेतु नहीं हैं और ताला बंदी कर दी गयी। जिस कारण नगर परिषद एवं रेलवे स्टेशन से आने वाले यात्रियों व खास कर महिलाओ को बाथरूम की समस्या बनी रहती है।