रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक और मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के तत्कालीन डिप्टी जनरल मैनेजर (DGM) नवीन प्रताप सिंह तोमर समेत 9 लोगों के खिलाफ एसीबी (ACB) और ईओडब्ल्यू (EOW) में मामला दर्ज कराया है। आरोप है कि तोमर बिल पास करने के बदले 8% कमीशन के रूप में रिश्वत लिया करता था।
ED द्वारा की गई छापेमारी में नवीन प्रताप सिंह तोमर के कार्यालय से 28.80 लाख रुपये की नगदी जब्त की गई थी। इसके अलावा, ED ने तोमर के साथ बीआर लोहिया, अजय लोहिया, अभिषेक कुमार सिंह (प्राइवेट व्यक्ति), तिजउराम निर्मलकर, नीरज कुमार, देवांश देवांगन, जितेंद्र कुमार निर्मलकर और लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के मामले में नामजद शिकायत दर्ज करवाई है।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के अनुसार, ईडी की जांच से पता चला है कि नवीन प्रताप सिंह तोमर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं का उल्लंघन कर रहा था। तोमर ने अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध रूप से आर्थिक लाभ अर्जित किया। जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) के और भी वरिष्ठ अधिकारी इस भ्रष्टाचार रैकेट में शामिल हो सकते हैं। कई और टेंडर और आपूर्तिकर्ताओं के दस्तावेज़ भी सामने आए हैं, जो आरोपों के अनुसार बिल पास करवाने के लिए 8% रिश्वत देने के लिए बाध्य किए गए थे।
इस मामले के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। जांच एजेंसियां इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही हैं।