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आनंद विभाग, अन्य विभागों से समन्वय कर गतिविधियों का संचालन करें : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज मंत्रालय में आनंद विभाग एवं राज्य आनंद संस्थान के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि हैप्पीनेस के पैमाने के मूल्यांकन के लिए प्रदेश के किसी उच्च शिक्षा संस्थान अथवा आई. आई. टी. के सहयोग से अध्ययन किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वैचारिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रत्येक जिले में एक केंद्र अथवा भवन होना चाहिए जिसमें नगरीय विकास विभाग की सहभागिता भी हो। ये भवन मांगलिक भवन से भिन्न हो और यहाँ शहर के प्रबुद्ध वर्ग के साथ आम नागरिकों की उपस्थिति में रचनात्मक कार्यक्रम संचालित होना चाहिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आनंद विभाग अपनी गतिविधियों का संचालन, खेल, स्कूल, उच्च शिक्षा विभाग और जन अभियान परिषद जैसी संस्थाओं का सहयोग लेकर संयुक्त रूप से करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नागरिकों का जीवन भौतिक दृष्टि से समृद्ध होने के साथ आनंदमय हो। शांत व्यक्ति सुखी एवं समृद्ध समाज के निर्माण में उपयोगी होता है। आनंद विभाग, प्रदेश में आनंद के भाव का विस्तार करने में विभिन्न विभागों के समन्वय से गतिविधियां आयोजित करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आनंद विभाग के कार्यों में बुजुर्गों की सेवा को भी जोड़ा जा सकता है। विशेष रूप से 75 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को विभिन्न बीमा योजनाओं से जोड़कर स्वास्थ्य लाभ अथवा उपचार की आवश्यकता पर अस्पताल तक पहुंचाने जैसे कार्य किये जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कुछ नगरों में सामाजिक संस्थाएं नेत्र परीक्षण करवा कर बुजुर्गों को चश्मा प्रदान करने का कार्य भी कर रही हैं। इसी तरह व्यक्ति के आनंद के लिए विभिन्न नगरों में कार्य करने वाली संस्थाओं के कार्यों का अध्ययन कर सूचीबद्ध किया जाए, जिससे अन्य शहरी क्षेत्रों में भी ऐसे सामाजिक कार्य किये जा सकें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा महाविद्यालयों की ओर से एक ग्राम गोद लेने का कार्य किया ग़या था। प्रदेश में करीब 2000 ग्राम चिन्हित किए गए हैं। यहां राष्ट्रीय सेवा योजना के साथ ही अन्य सामान्य छात्र भी सेवा गतिविधियां संचालित करते हैं। ऐसी गतिविधियों को निरंतर जारी रखा जाए।

बैठक में बताया गया कि तनाव मुक्ति और आनंदित व्यवहार के प्रशिक्षण के लिए आनंद विभाग ने योजना तैयार की गई है। इसमें ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पटवारी, नगर निगम और नगर पालिका के कर्मचारी एवं पुलिसकर्मी शामिल किए जाएंगे।

विभाग आनंद ग्राम विकसित करने का कार्य कर रहा है। पायलट आधार पर ऐसे ग्राम, जहां सद्भावना, भाईचारा, परस्पर सहयोग और आनंद का भाव प्रमुख हो, उन्हें उदाहरण के रूप में सामने लाया जाएगा।

मध्यप्रदेश में वर्ष 2016 में गठित आनंद विभाग द्वारा अब तक 3334 कार्यक्रम आयोजित किया जा चुके हैं। ऑनलाइन अल्पविराम कार्यक्रम भी हुए हैं। इनमें 17 हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल हो चुके हैं। प्रदेश में 560 से अधिक आनंद क्लब पंजीकृत हैं जो रक्तदान, भोजन एवं सामग्री दान, आपदा में सहयोग के साथ ही शिक्षा, पर्यावरण और स्वच्छता के कार्यों के साथ बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दे चुके हैं। निराश्रितों की सहायता और उपचार के कार्यों भी किए गए हैं।

आर्ट ऑफ़ लिविंग बैंगलुरू, इनिशिएटिव ऑफ चेंज पंचगनी, ईशा फाऊंडेशन कोयंबटूर और हार्टफुलनेस संस्था हैदराबाद में आनंद शिविर में मध्यप्रदेश के शासकीय सेवक प्रतिवर्ष हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही 6 सप्ताह का ऑनलाइन आनंद पाठ्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है। प्रतिवर्ष 14 से 28 जनवरी की अवधि में आनंद उत्सव का आयोजन होता है, जिसमें करीब 20 लाख लोग सहभागिता कर चुके हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा और आनंद विभाग श्रीमती रश्मि अरुण शमी और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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