कोण्डागांव। देश की आजादी के 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव पूरे देश में मनाया जा रहा है। जिसमें मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत कोण्डागांव जिले के समस्त ग्राम पंचायत एवं शहरी क्षेत्रों में शासन द्वारा दिये गये निर्देशानुसार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। जिसमें ‘वसुधा वंदन‘ कार्यक्रम के तहत अमृत वाटिका बनाया जा रहा है जिसमें महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत स्वीकृत नर्सरी से वन विभाग एवं उद्यानिकी विभाग के द्वारा पौधे उपलब्ध कराये जा रहे है।
मेरी माटी मेरा देश के तहत् वसुधा वंदन कार्यक्रम में प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम 75 वृक्षारोपण किया जा रहा है। अभियान अंतर्गत पौधारोपण के देखरेख एवं सुरक्षा हेतु ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायकों को ग्राम पंचायत का लेवल ऑफिसर बनाया गया है साथ ही अमर शहीदों के सम्मान में शिला-फलकम बोर्ड का निर्माण प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं शहरी क्षे़त्रों में किया जा रहा है। इसके साथ ही पंचप्रण शपथ भी ग्रामीणों को दिलवाया जा रहा है।
जिला पंचायत सीईओ के अनुसार आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत् ‘‘मिट्टी का नमन वीरों का वंदन‘‘ इस कार्यक्रम का टैग लाइन है। इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायतों में तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इस कार्यक्रम में समस्त गांव के मिट्टी को एकृत्रित कर दिल्ली में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में भेजा जायेगा, साथ ही सभी कार्यक्रमों की सेल्फी लेकर मेरी माटी मेरा देश के वेबसाइट पर भी अपलोड भी किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय गान एवं ध्वजारोहण भी किया जा रहा है।
मंत्री मोहन मरकाम ने पुसापाल में किया पौधारोपण
वसुधा वंदन कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को आदिम जाति कल्याण विभाग के मंत्री एवं विधायक कोण्डागांव मोहन मरकाम द्वारा विकासखण्ड माकड़ी के ग्राम पंचायत पुसापाल में पौधारोपण किया। इस अवसर पर जन प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने भी मंत्री श्री मरकाम के साथ उत्साह पूर्वक पौधारोपण में भाग लिया।
पुलिस कर्मियों ने ग्रामीणों संग मसोरा में किया पौधारोपण
शुक्रवार को पुलिसकर्मियों द्वारा ग्रामीणों के संग मसोरा में पौधारोपण किया गया। आज ही विभिन्न ग्राम पंचायतों में पौधारोपण किया गया। जिसमें जनपद पंचायत बड़ेराजपुर के ग्राम पंचायत बस्तरबुडरा तथा ग्राम पंचायत मचली, जनपद पंचायत केशकाल के ग्राम पंचायत मस्सूकोकोड़ा आदि में पौधा रोपण का कार्य किया गया।