सीएससी सेन्टर प्रारंभ कर अर्जित कर रही अच्छी आय, रीपा से मिला शेड और तकनीकी संसाधन
रायगढ़। राज्य शासन द्वारा ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने एवं रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से रीपा योजना प्रारंभ किया गया है। जिसके तहत जिले के विभिन्न ब्लॉकों में व्यवसाय एवं लघु उद्योगों को प्राथमिकता के साथ बढ़ावा दिया जा रहा है।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा रीपा में संचालित गतिविधियों की मॉनिटरिंग के साथ लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। ताकि रीपा में अधिक से अधिक गतिविधियां संचालित होने के साथ स्थानीय रोजगार सृजित हो सके। यही कारण है आज जिले के विभिन्न ब्लॉक में रीपा स्थापित होने से व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ी है। जिससे ग्रामीणों के साथ ही शिक्षित युवतियां एवं महिलाओं की भागीदारी देखी जा रही हैं और वे आर्थिक रुप से सशक्त हो रहे हैं।
रीपा योजना किस तरह से रोजगार मूलक कार्यों के माध्यम से लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है, इसकी एक बानगी विकासखंड घरघोड़ा के बैहामुड़ा में स्थित रीपा में देखने को मिली। रीपा रोजगार मूलक कार्यों के साथ उद्यमी सृजित करने का कार्य कर रही है, जिसका उदाहरण हैं ऐश कुमारी राठिया है। जिन्होंने स्नातक और डीसीए की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात रीपा में स्वयं का सीएससी सेंटर के माध्यम से अपना व्यवसाय प्रारंभ कर चुकी हैं। वह ऑनलाइन फार्म, आधार से पैसा निकासी, फोटो कापी, टाइपिंग, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफी जैसे कार्यों के साथ वर्तमान में अपने काम को विस्तार देते हुए वर्तमान में कियोस्क शाखा प्रारंभ करने की कार्ययोजना पर कार्य कर रही हैं, जिससे ग्रामीणों को गांव में ही बैंक की सुविधा मिल सके एवं खाता खुलवाने, फसल बीमा, केवाईसी की सुविधा उपलब्ध हो सकें। ऐश कुमारी गांव के बुजुर्गों को पैसे निकासी हेतु घर पहुंच सेवा भी प्रदान करती हैं। उन्होंने बताया कि यह सब रीपा के कारण संभव हो पाया हैं, जहां उन्हें वर्किंग शेड, जरूरी तकनीकी उपकरण के साथ हर कार्य में सहयोग मिल रहा हैं। जिससे वह हर माह 12 से 15 हजार रुपये तक की आय अर्जित कर पा रही हैं।
इसी तरह विकासखंड पुसौर के ग्राम तरड़ा निवासी ममता पाव ने रीपा तरडा में सीएससी सेंटर संचालित कर रही है। उनके द्वारा आधार कार्ड, पेन कार्ड, श्रमिक कार्ड बनाने के साथ ही पेंशन के ऑनलाईन फार्म भरने जैसे सभी कार्य किए जा रहे है। रीपा में भी सीएससी सेंटर चलाने हेतु 01 लाख का वर्किंग केपिटल दिया गया। साथ ही वर्किंग शेड भी प्रदान किया गया। जहां से ममता पाव अपना कार्य संचालित करती है। उनके द्वारा रकम निकासी की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही कालेज के ऑनलाईन फार्म भरे गये। जिससे उन्हें लगभग 20 हजार रुपये तक की आय प्राप्त हो रही है। सीएससी सेंटर प्रारंभ होने से गांव में ही ग्रामीणों को काफी सहायता मिल रही है।