हमर प्रदेश/राजनीति

एआईकेकेएमएस ने राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव,स्वास्थ्य मंत्री, कलेक्टर के नाम अनुविभागीय अधिकारी पखांजूर को सौंपा ज्ञापन

कांकेर @ धनंजय चंद… ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के हड़ताली कर्मचारियों के विरूद्ध की गई लोकतांत्रिक शक्ति को दबाने दमनात्मक कार्यवाही को वापस लेने एवं वार्तालाप के माध्यम से पांच सूत्रीय मांगों के समर्थन एवं सरकार द्वारा निर्मित तमाम समस्याओं का समाधान करने की मांग पर राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव,स्वास्थ्य मंत्री, कलेक्टर आदि के नाम अनुविभागीय अधिकारी( रा.) पखांजूर के हाथो ज्ञापन सौंपा ।

ब्लॉक अध्यक्ष अजित मिस्त्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन से संबद्ध 12 संगठनों द्वारा वेतन विसंगति सहित 5 सूत्रीय जायज मांगों को लेकर 21 अगस्त से शासन को विधिवत सूचना देकर आज 15 दिन अनिश्चितकालीन आंदोलन पर है। आंदोलन में शामिल स्वास्थ्य चिकित्सक, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (ए.एन.एम. / एम.पी.डब्ल्यू.)एवं नर्सिग संवर्ग से जुड़े समस्त कर्मचारी संगठन लगातार शासन को अनेक बार आवेदन निवेदन व उच्च पदस्थ अधिकारियों से समक्ष भेंटकर निराकरण करने हेतु अनुरोध किया है। विभाग के द्वारा किसी भी तरह की सुनवाई नहीं होने पर लोकतांत्रिक तरीके से उन्हें आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।इन संगठनों के द्वारा पूर्व में किये गये आंदोलन को संज्ञान में लेते हुए शासन स्तर पर कमेटी भी बनाई गई है। लेकिन कमेटी द्वारा आज दिनांक तक रिपोर्ट को शासन को नहीं सौपी गई है।

प्रदेश की आम जनता भली भांति जानती है कि वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश के चिकित्सक, नर्सिग संवर्ग एवं ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर हजारों लोगों को मौत की मंजर के समाने से बचाये थे। प्रदेश के अनेक स्वास्थ्य कर्मी आम लोगों की
सेवा करते हुए कोरोना से संक्रमित होकर शहीदि मौत हंसते हुंए गले लगा लियात्रौर दुनिया को अलविदा कहं गये। देश के साथ-साथ प्रदेशभर में कोरोना योद्वाओं के सम्मान में फूलों की वर्षा कर तालियां बजाकर जगह जगह सम्मान दिया गया था। शासन द्वारा कोरोना योद्वाओं के सम्मान में कई वादे भी किये गये, लेकिन ये वादे सिर्फ कागजी कार्यवाही तक सिमट कर रह गये।
ब्लॉक सचिव अनिमेष विश्वास ने कहां है कि प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन से वर्तालाप एवं आपसी संवाद के माध्यम से समाधान करें।उसके बदले कोरोना योद्वाओं के खिलाफ एस्मा कानून के तहत निलंबन, बर्खास्तगी एव एफ.आई.आर. की कार्यवाही करनि सरकार की दमन नीति स्पष्ट हो रहा है।संवेदनशील सरकार के बदले तानाशाही प्रशासन कि पहचान बड़ा रहे है। जिससे छत्तीसगढ़ की सम्स्त कर्मचारियों से लेकर आम आज आक्रोशित है। इस तरह की कार्यवाही का तीब्र निंदा करते है। छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के हड़ताली कर्मचारियों के विरूद्ध की गई दमनात्मक कार्यवाही को वापस ले। राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है ।सारी समस्याओं की समाधाने की अपील करते है। इस अवसर पर अनिमेष, अजित मिस्त्री, गोलक मण्डल,गोपाल सिखदार, मानिक, पलास, रुपन,प्रदीप,सुजन, अशोक,अखिल,बिष्णु दे बिरेन विश्वास,दीपमाला आदि उपस्थित रहे।

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