कलेक्टर के सख्त रवैया के बाद शिक्षा विभाग के खेल में लगा विराम, बीमार शिक्षकों ने कहा कि हम बीमार नहीं कंप्यूटर है बीमार

अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग के पहले बदराव विद्यालय के 11 शिक्षकों को बताया गया था ब्रेन ट्यूमर

रिपोर्टर : सुभाष मिश्रा

रीवा। शासकीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर निरंतर गिरने की वजह एक के बाद एक सामने आ रही है। जब प्रदेश के मुखिया ने इस बात को संज्ञान में लिया तो रीवा जिले में एक ही विद्यालय के 11 शिक्षक ब्रेन ट्यूमर के मरीज बताए गए।

यह सुनते ही रीवा कलेक्टर एक्शन मोड पर आ गई और सभी शिक्षकों का मेडिकल परीक्षण के लिए बोर्ड बैठाने का फैसला कर लिया, कलेक्टर के इस फैसले के बाद शिक्षा जगत में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है।

कलेक्टर के लिखित आदेश के बाद बीमार शिक्षकों ने यह कहा कि हम बीमार नहीं है कंप्यूटर बीमार है जिसमें उन्हें ब्रेन ट्यूमर का मरीज बताया जा रहा है।
अब सवाल यह उठता है कि कंप्यूटर चुनिंदा शिक्षकों को ही क्यों बीमार बताता है क्या कंप्यूटर वायरस से इतना पीड़ित है कि केवल ब्रेन ट्यूमर के 11 शिक्षक एक ही स्कूल में पदस्थ कर देता है।

दरअसल जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है उसकी पूर्ति करने के लिए उन विद्यालयों से शिक्षकों को भेजने की तैयारी प्रदेश सरकार के द्वारा की जा रही है जहां अधिक शिक्षक है। यह आदेश आने के बाद से ही शिक्षा जगत में खलबली मची हुई है।

जिला कलेक्टर का यह कहना है कि यदि कोई भी शिक्षक बीमार बताता है तो उसकी जांच के लिए मेडिकल बोर्ड से परीक्षा कराया जाएगा, इधर अब इस पूरे मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि यह फीडिंग 2022 की है। अब इसकी जांच की जा रही है कि आखिर शिक्षकों को बीमार बताकर फीडिंग कैसे की गई है, हालांकि कंप्यूटर को ही अब बीमार साबित करने की कवायत शुरू हो चुकी है।

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