भूकंपरोधी नहीं, भ्रष्टाचार का सच दिखाता निर्माणाधीन अतिरिक्त कक्ष
कांकेर @ धनंजय चंद। बच्चों को शिक्षा के साथ सुरक्षा मिले, इसके लिए विद्यालयों में नए अतिरिक्त कक्ष बनवाने के निर्देश हैं। यह कक्ष सामान्य नहीं बल्कि भूकंपरोधी होने चाहिए । कहीं पर कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए समय-समय पर अफसरों द्वारा निरीक्षण भी किया जाना होता है। इसके बावजूद एक विद्यालय में ऐसा अतिरिक्त कक्ष बन रहा है, जिसे यदि भ्रष्टाचार का कक्ष कहें तो गलत नहीं होगा । इसकी चारों दीवारों के लिए नींव की तैयार की गईं, लेकिन नींव में कांक्रीट का बेस ही नहीं बनीं । बल्कि रेती के ऊपर ईंट डाल दी गई, इसमे भी ठेकेदार का मन नही भरा तो उसने उन ईंटों के बीच सीमेंट रेट का मिश्रण देकर जोड़ा तक नही । अब इसकी पोल खुली तो अफसर भी मुंह खोलने से कतरा रहे हैं।
मामला पखांजूर नगर पंचायत के वार्ड क्र. 15 में शासकीय प्राथमिक शाला का है । यहां पर सत्र 2023-24 में अतिरिक्त कक्ष आठ लाख सात हजार रुपये की लागत से बन रही है । इस अतिरिक्त कक्ष का निर्माण छत्तीसगढ़ शासन के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा कराया जा रहा है | निर्माणाधीन कक्ष के निर्माण कार्य के दौरान अब तक विभाग के इंजिनियर को नही देखा गया है | सूत्रों की मानें तो उक्त विद्यालय के अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य विद्यालय के प्राचार्य शिक्षक के रिश्तेदार को दिया गया । इसके बाद भ्रष्टाचार का खेल शुरू हुआ । गुणवत्ताहीन भवन इस प्रकार से बन रहा है कि पहले बारिश में ही भ्रष्टाचार की पोल खोल दिखाई दे रही है।
बड़ा झटका और धराशायी हो सकता भवन
कहने के लिए अतिरिक्त कक्ष का निर्माण भूकंपरोधी होना चाहिए, लेकिन जिस तरह से निर्माण कार्य चल रहा है और दीवारों के लिए नींव में कांक्रीट का बेस ही नहीं बनाई गई । इससे यह भवन मामूली झटका भी नहीं उठा सकता है । अब देखने वाली बात यह होगी कि जिम्मेदार अधिकारी इस पर क्या प्रतिक्रिया देते है।