रिपोर्टर : रवि गांधरला
बीजापुर। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से छत्तीसगढ़ लोकसभा निर्वाचन-2024 के कार्यक्रम की घोषणा की जा चुकी है तथा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही बीजापुर जिले में आदर्श आचार संहिता भी प्रभावशील हो चुकी है। निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय-अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाते है तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खम्भों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झंडियां लगाई जाती है। जिसके कारण शासकीय-अशासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है।
छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 03 में निहित प्रावधान अनुसार कोई भी व्यक्ति जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर के उसे विरूपित करेगा, वह जुर्माने से एक हजार रुपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा।
इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार संपत्ति विरूपण के संदर्भ में राज्य में प्रचलित विधि के प्रावधानों के अनुसार कठोर कार्यवाही किया जाना है। अतः एतद् द्वारा निर्देश दिया जाता है कि छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के प्रावधानो का कठोरतापूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जाएं। संम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनों की दीवारों पर किसी भी प्रकार के नारे लिख कर विकृत किया जाता है तो ऐसे कृत्यो के निवारण के लिए एक टीम तत्काल प्रभाव से गठित की जाएं।
इस टीम में नगरीय निकाय (नगरपालिक निगम, नगर पंचायत) लोक निर्माण विभाग तथा राजस्व विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मिलित किया जाएं। आवश्यकता अनुसार पर्याप्त संख्या में टीम गठित कर जिला निर्वाचन कार्यालय बीजापुर को अवगत करायें। टीम गठित करने को कार्य नगर निगम में आयुक्त एवं शेष क्षेत्रो में अनुविभागीय अधिकारी (रा) द्वारा किया जाएं। टीम सघन भ्रमण कर विरूपित संपत्ति को संपत्ति विरूपण करने वाले के व्यय पर पूर्ण रूप में लायेगी तथा टीम की ओर से संपत्ति विरूपण करने वाले तत्वो के विरुद्ध अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।
यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी संपत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है, तो निजी संपत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने सूचना दर्ज कराने के बाद गठित टीम निजी संपत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं संबंधित थाना प्रभारी प्रदत्त सूचना रिपोर्ट पर विधिवत जाँच कर सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया जाएगा। इसी प्रकार किसी धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए नहीं किया जाएगा।
थाना प्रभारी द्वारा संपत्ति विरूपण संबंधित प्राप्त शिकायतों पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की जाएगी। संबंधित टीम शिकायत या उन्हें प्राप्त संपत्ति विरूपण के प्रकरणों को पृथक पंजी में दर्ज करेगी एवं विरूपित संपत्ति की फोटोग्राफी -विडियोग्राफी कराएगी।