संवाददाता : रवि गांधरला
बीजापुर। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशन व कलेक्टर अनुराग पाण्डेय के मार्गदर्शन में जिले में सड़क पर रहने वाले बच्चों, बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक, भिक्षावृति में लिप्त बच्चों के रेस्क्यू व पुर्नवास के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
महिला व बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी लुपेन्द्र महिनाग द्वारा इस अभियान की क्रियान्वयन की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई, इस अभियान के तहत ऐसे बच्चे जो बिना किसी सहारे सड़को पर रहते है। और रात में निकट के झुग्गी झोपड़ी बस्तियों में रहने वाले अपने परिवारो के पास वापस आ जाते है, ऐसे श्रेणी के बच्चे अपनी उत्तर जीविका भोजन, वस्त्र, आश्रय एवं संरक्षण हेतु प्रतिदिन विभिन्न प्रकार संघर्षो एवं चुनौतियो का सामना करते है, उन बच्चों का चिन्हांकन कर उनका संरक्षण प्रदान करने शिक्षा एवं अन्य जरूरी सुविधायें उपलब्ध कराने उनके परिवारो को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाते हुए उनके प्रशिक्षण एवं उनके रोजगार की व्यवस्था के लिए विभिन्न विभाग के समन्वय से कार्य योजना अनुसार 12 जनवरी से 31 जनवरी 2024 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
जिले में भ्रमण के दौरान इस प्रकार से कोई भी बच्चा जो कि संघर्ष से जीवन यापन कर रहे है। उनकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को उपलब्ध कराये। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि चिन्हांकित बालको को बालक कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं नियम 2018 के प्रावधानो के अनुसार पुर्नवास की कार्यवाही किया जाना है। साथ ही पोर्टल पर सभी बच्चो की जानकारी संधारित किया जाना है। स्ट्रीट सिचवेशन वाले बच्चो के रेस्क्यू हेतु तत्काल जिला बाल संरक्षण ईकाई को सूचित किया जाना है। ऐसे बच्चों को बालक कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानो के अनुसार पुर्नवास की प्रक्रिया किया जाना है।
बच्चो के बेहतर भविष्य व उनके परिवारो को कौशल उन्नयन से जोडते हुए बच्चो के स्वास्थ्य एव शाला प्रवेश तथा उनकी शिक्षा निरंतर रखने एवं उनके आश्रय रहने हेतु उपाय किया जाएगा। स्ट्रीक चिल्ड्रन वाले बच्चों के लिए यह एक सतत् प्रक्रिया है। इस कारण अभियान के समाप्ति के पश्चात भी बच्चों का सतत् रूप से चिन्हांकन एवं बाल स्वराज के पोर्टल पर अपलोड करने की कार्यवाही की जाएगी।