ए.आई.एम.एस.एस ने किया ईश्वर चंद्र विद्यासागर का स्मरण दिवस पखांजूर शुभ पल्ली में पालन
कांकेर @ धनंजय चंद। ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन ने नवजागरण काल के महान मानवतावादी ईश्वर चंद्र विद्यासागर का स्मरण दिवस पालन किया।ए.आई.एम.एस.एस के सदस्य ज्योत्सना अधिकारी ने ईश्वर चंद्र का छायाचित्र पर माल्यार्पण किया।जुंई , विप्लव,गंगा, तनुका आदि ने प्रेरणादायक गीत की प्रस्तुति दी।
ज्योत्स्ना ने कहा कि विद्यासागर का मन में मां से बड़कर कोमल दील ,अपार स्नेह प्यार,माया ममता थी क्योंकि हर मां अपने बच्चों को लाड प्यारा एवं दुनिया की सारी विरुद्ध शक्ति से लड़ लेती है।परंतु विद्यासागर उस मां से बढ़कर थे जो पुरे देश के बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा हेतु प्रसार, विस्तार हेतु वर्णमाला, पाठ्यक्रम, पाठ्य पुस्तक,बाल विवाह पर प्रतिबंध, विधवा विवाह प्रचलन अपनी जान जोखिम में डालकर, कर्ज लेकर समाज उत्थान में महान योगदान दिया।जिसके बदौलत आज हम शिक्षा कि प्रकाश से ज्ञानार्जन कर पा रहे है। उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर आज मनिपुर में जो महिलाओं के उपर अन्याय ,अत्याचार, शोषण, जूल्म हो रही है ,महिलाओं कि आस्मिता पर लांछन लगा रहे है । उसका हम घोर निंदा के साथ तिब्र विरोध करते है।
केन्द्र तथा तमाम राज्य की शासन – प्रशासन से अपील करते है कि महिलाओं के उपर हो रहे तमाम प्रकार कि अनाचार को सम्पूर्ण समाप्त करने मजबूती से सकारात्मक निर्णायक कदम उठाया जाए। महिलाओं की सुरक्षा हेतु दोषियों को उदाहरण मूलक सजा दिजाए। ताकि आने वाली दिनों एसी घिनौनी कृत्य करने की हिम्मत ना कर सके ।अपर्णा ने सभा संबोधित करते हुए कहां है।ईस्वर चन्द्र ने हम महिलाओं कि शिक्षित करने में महान योगदान दिया है।जिस के कारण आज हम महिलाएं समाज में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ पुरुषों के कंधा से कंधा मिलाकर समाज कि प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने में योग्यता हासिल कर पा रहे है।बियुटी,अनिता, अपर्णा,जुंई, विप्लव, ज्योत्सना, गंगा, तनुका, प्रियांशु, बीना,तुलसी आदि उपस्थित रहे।