छत्तीसगढ़

बैगा युवक परिवार के साथ बैठे भूख हड़ताल पर

0 जमीन बेदखली के भय से बुजुर्ग बैगा की मौत के बाद भी पीड़ित को नहीं मिला न्याय, पुस्तैनी भूमि के बदले नहीं दी गई दूसरी भूमि, परिवार सहित अनशन में बैठा बैगा परिवार

मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर। बैगा परिवार के एक पीड़ित युवक ने मुखिया की मौत का मुआवजा एवं अपनी पुस्तैनी भूमि का पट्टा भूमि जबरदस्ती लिया गया, उसके बदले में दूसरी भूमि प्रदाय करने की माँग कलेक्टर एमसीबी से की थी, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद आज बैगा युवक अपने परिवार के साथ जनकपुर में अनशन में बैठ गया।

जनकपुर निवासी गेन्दलाल बैगा ने कहा है कि वह जिला कार्यालय, तहसीलदार कार्यालय, अनुभाग कार्यालय का चक्कर काट काट कर थक चुका है. लेकिन उसे सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही है. कोई काम नहीं हो रहा. इससे त्रस्त होकर वह 16मई से तहसीलदार कार्यालय के सामने अपने पूरे परिवार के साथ भूख हड़ताल पर बैठ गया. इसके पूर्व कलेक्टर को 22मार्च को जन दर्शन में ज्ञापन सौपते हुये गेन्दलाल बैगा ने बताया कि मेरे घर व निवासी पुस्तैनी भूमि को शासकीय बताते हुए 1 फरवरी 2023 को तहसीलदार के द्वारा नोटिस दिया गया कि 4 फरवरी 2023 को मकान खाली कर लिया जाये, मैं घर में नहीं था 4 फरवरी को सुबह घर पहुंचा तो 10 बजे करीब शासन प्रशासन का अमला बुलडोजर मशीन सहित मेरा घर तोड़ने पहुंच गये। जिससे हम सब घर का समान बाहर कर दिये, उसके बाद किसी प्रकार एसडीएम व तहसीलदार दो तीन दिन का मौका देकर वापस आ गये। लेकिन मेरे पिताजी (प्रेमलाल बैगा ) को बार-बार चक्कर आने लगा. वो सोच में पड़ गये कि हमारी पुस्तैनी जमीन चली जायेगी। जिसका पुराना 1935-36 का रिकार्ड भी हमारे पास है और हम लोग कहां जायेंगे। किसी प्रकार समझाने के बाद उन्होने शाम को खाना खाया।


5 फरवरी को शाम 6-7 बजे करीब फिर उनकी तबियत सोचने के कारण खराब हो मई तो उन्हें जनकपुर चिकित्सालय ले गये जहां उनकी मृत्यु केवल अपनी जन्मभूमि को छिनने के चलते हो गई। वहीं मे भी बीमारी से पीड़ित हूं लेकिन क्या करूं 6 फरवरी को हम अपने पिताजी का शव चिकित्सालय से नहीं ला रह थें , क्योंकि वहां के डाक्टर उनकी जान नहीं बचा पायें। किसी तरह शव के साथ राजनीति नहीं करते हुए हमने उनका क्रिया कर्म किये पर शासन – प्रशासन द्वारा जो भी आश्वासन दिया गया था। आज तक कोई कार्यवाही होते नहीं दिख रहा है। तो मैं व मेरा परिवार मांग करता है कि मेरी मां को पांच लाख मुआवजा व हमारे भूमि का पट्टा एवं जो जमीन खाद्यान्न ग्रह भण्डार (भवन) जबरदस्ती बना लिया गया हैं, उसके बदले जमीन चाहिए नहीं.बैगा परिवार ने कहा है कि हमारी भूमि के पिछले अभिलेखों में हेराफेरी भी करवाया गया है उसके खिलाफ भी हम कार्यवाही चाहते है एवं नंदकुमार बैगा पिता चैतूराम बैगा व उसकी पत्नी परमिला बैगा के नाम से जितनी चल अचल संपति है उसकी भी जांच कर कार्यवाही की जावे, तब पता चल जायेगा कि जनकपुर के जमीन की कितनी हेराफरी करवाई गई है।

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