छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अकलतरी में ग्रामीण औद्योगिक पार्क का किया निरीक्षण

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को बिलासपुर जिले के बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात के दौरान ग्राम अकलतरी में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने स्व सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा कर संचालित व्यवसाय के बारे में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री को समूह की महिलाओं ने बताया कि पहले उनके पास रोजी-रोटी का कोई साधन नहीं था, बाजार भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। राज्य शासन के सहयोग से उनके उत्पाद को बाजार में उपलब्ध कराने एग्जीबिशन, सी मार्ट, एवं अन्य हाट बाजार व मड़ई मेला में स्थान उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। महिलाओं ने कहा कि इससे उनके उत्पादों को अच्छा बाजार मिल रहा है, उनकी आमदनी भी बढ़ी है। इस मौके पर राजस्व मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद थे।

महिला समूह को 20 हजार बल्ब सप्लाई का मिला आर्डर
मुख्यमंत्री श्री बघेल अकलतरी रीपा में बिजली के बल्ब तैयार करने वाले नर्मदा महिला स्व सहायता की महिलाओं से भी रूबरू हुए। इस समूह की महिलाओं ने बताया कि उनके समूह को 20 हजार बल्ब सप्लाई का आर्डर मिला है। मुख्यमंत्री ने समूह की महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि समूह की महिलाएं गैर परम्परागत कार्य का प्रशिक्षण लेकर अच्छी गुणवत्ता के बल्ब तैयार कर रही है। बाजार से बल्ब सप्लाई का ऑडर मिलना एक अच्छा संकेत है।


इस समूह की सदस्य कुसुम निर्मलकर और मधुरिमा धीवर ने बताया कि उनके समूह में 14 सदस्य हैं। वे बल्ब निर्माण का कार्य करती हैं। पहले वे बल्ब निर्माण का कार्य नहीं जानती थी। गौठान में प्रशिक्षकों से ट्रेनिंग लेकर बल्ब निर्माण का कार्य कर रही हैं। समूह के सदस्यों ने बताया कि समूह को शासन के सहयोग से 60 हजार रुपए का ऋण प्राप्त हुआ है। ऋण राशि में से 10 हजार रुपए का मशीन क्रय किया, फिर कच्चा सामग्री खरीद कर बल्ब निर्माण का कार्य शुरू किया। अब तक 80 हजार रुपए का बल्ब बेच चुके हैं। साठ हजार रूपए का ऋण राशि बैंक को अदा कर दिया है। 20 हजार रुपए बैंक में जमा हैं। इसके अतिरिक्त 25 से 30 हजार का बल्ब उनके पास अभी भी उपलब्ध है। महिलाओं ने बताया कि पहले रोजी-मजदूरी का काम करके कुछ ज्यादा नहीं मिल पाता था। अब उनके पास स्थाई पूंजी भी एकत्र होने लगी है। जरूरत के समय में बैंक से राशि निकालकर सदस्यों द्वारा उपयोग किया जाता है, उसके बाद पुनः पैसे वापस बैंक में जमा करा देते हैं। इस तरह से जरूरत में भी अब हमें किसी साहूकार के पास ऋण लेने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।
बांस शिल्प के उत्पादों को मिल रहा अच्छा बाजार

इस दौरान बूढ़ी माई स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बांस के पैरा से बने मुख्यमंत्री का पेंटिंग मुख्यमंत्री को भेंट किया। समूह की सदस्य श्रीमती लक्ष्मीन बाई ने बताया कि उनके समूह की महिलाएं बांस शिल्प का कार्य परंपरागत रूप से करते आ रही हैं । इस कार्य में उनके पति और परिवार वाले भी सहयोग करते हैं। वे स्वयं बांस शिल्प कला में प्रशिक्षण देने का भी काम करती हैं। समूह की महिलाओं द्वारा कमंडल, टोकरी, गुलदस्ता, टेबल लैंप ,एंगल, स्टैंड, दीवान, हैंगर, सूपा, झेंझरी, डस्टबिन आदि अनेक उत्पाद बनाते हैं। लक्ष्मीन बाई ने बताया कि पहले भी बांस शिल्प का कार्य करते थे किंतु व्यवसाय अच्छे से नहीं हो पाता था। अब शासन द्वारा बाजार उपलब्ध कराने और सहयोग प्रदान करने के कारण हमें अच्छा बाजार मिल रहा है, आमदनी बढ़ी है, बच्चों को पढ़ाने-लिखाने में भी अब कोई परेशानी नहीं हो रही है। लक्ष्मीन ने बताया कि उनके समूह को शासन द्वारा 50 हजार रुपए का ऋण भी उपलब्ध कराया गया है। बूढ़ी माई स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री को अकलतरी आने और उनके व्यवसाय को प्रोत्साहन देने के लिए धन्यवाद दिया।

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