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गौवर्धन पूजा के साथ मनेगा एमएसपी पर सोयाबीन खरीदी उत्सव : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

बैठक में किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मो. सुलेमान, अपर मुख्य सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ला और श्री राघवेंद्र कुमार सिंह, कृषि सचिव श्री एम. सेलवेन्द्रन, राजस्व सचिव श्री विवेक पोरवाल, आयुक्त एवं सचिव जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री कमल सिंह आंजना, महामंत्री श्री चंद्रकांत गौर, के अलावा श्री राघवेन्द्र, श्री राजेन्द्र पालीवाल, श्री प्रमोद चौधरी, श्री आर.सी. पटेल, श्री भवानी शंकर शर्मा, श्री नमो नारायण दीक्षित, श्री शिवनंदन रघुवंशी आदि उपस्थित थे।

“संपदा -2.0” किसानों को देगा ई रजिस्ट्री की सुविधा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय किसान संघ के विभिन्न सुझावों पर राज्य सरकार आवश्यक कदम उठाएगी। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर शुरू डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत ई-रजिस्ट्री की नवीन प्रणाली पर विकसित “संपदा-2.0” पोर्टल और मोबाइल ऐप का आज ही शुभारंभ किया है। इस नवाचार का लाभ बड़ी संख्या में किसान वर्ग को प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी बताया कि उन्होंने आज हांगकांग निवासी श्री चंद्रावत और दिल्ली के एक बुजुर्ग दंपत्ति से “संपदा-2.0” की विशेषताओं पर चर्चा भी की। सभी वर्गों द्वारा डिजिटल क्रांति के क्षेत्र में इसे मील का पत्थर बताया जा रहा है। नवीन तकनीक पर आधारित “संपदा-2.0” ऑनलाइन दस्तावेज पंजीयन एक क्रांतिकारी कदम है। भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने इस व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बधाई दी।

किसान संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि पोर्टल और ऐप से नागरिकों को घर में ही यह सुविधा प्रदान किए जाने की शुरूआत और प्रदेश के सभी जिलों में जीआईएस लैब स्थापित करने का महत्वपूर्ण फैसला मध्यप्रदेश की नई पहचान बनाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों के राजस्व से जुड़े अन्य कार्यों को भी आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि फौती नामांतरण और अन्य प्रकरणों के निराकरण से 3.96 लाख आवेदक लाभान्वित हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं के लिए किसानों की भूमि के उपयोग पर किसान को राशि देने के स्थान पर उन्हें परियोजना में भागीदार बनाने के सुझाव पर भी विचार किया जाएगा। इसके साथ ही बन्दोबस्त कार्य से संबंधित विभिन्न शिकायतों को हल करने के लिए ड्रोन सर्वे का उपयोग भी बढ़ाया जाएगा। खेतों के पारम्परिक रास्ते बनाए रखने की पद्धति भी विकसित की जाएगी।

किसान अपनाएं सोलर संयंत्र

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में थर्मल पावर के साथ ही सोलर एनर्जी का प्रयोग निरंतर बढ़ाया जा रहा है। नवीन और नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में मध्यप्रदेश निरंतर आगे बढ़ रहा है। किसानों द्वारा सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है तो उन्हें पूर्ण प्रोत्साहित किया जाएगा। सौर ऊर्जा संयंत्रों का उपयोग कृषि कार्य में भी हो रहा है। सौर ऊर्जा को एक महत्वपूर्ण समाधान के रूप में देखा जा रहा है। कृषि कार्य में सोलर पम्प के उपयोग और उद्योग क्षेत्र में भी औद्योगिक संस्थानों को अपनी बिजली बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार ने पीएम कृषक मित्र सूर्य योजना में बड़ी संख्या में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए सहयोग देने पर सहमति दी है। निश्चित ही यह योजना किसानों को सोलर संयंत्रों के उपयोग पर आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

कृषि के साथ पशुपालन और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रयास करें किसान

मख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि कार्य के साथ ही पशुपालन, किसानों की आय बढ़ाने का जरिया है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से भी प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए करारनामा हुआ है। किसानों और पशुपालकों को प्रोत्साहन के लिए दुग्ध उत्पादन पर बोनस दिया जायेगा। शीघ्र ही इस संबंध में निर्णय लिया जा रहा है। देसी गाय और अच्छी नस्ल के देसी नंदी के पालन के लिए मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना में भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।

किसान खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए भी आगे आएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में उपस्थित भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों को लगभग 80 एफपीओ (फार्मर्स प्रोडयूसर ऑर्गेनाइजेशन) बनाने के लिए बधाई देते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगाने के लिए भी किसान आगे आएं। कोदो-कुटकी के उत्पादन पर राज्य सरकार रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में 3900 प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त सहायता राशि की मंजूरी दे चुकी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के साथ इनसे विभिन्न उत्पाद तैयार करने के लिए इकाइयां लगाई जा सकती हैं। इससे किसानों को भी अधिक आय प्राप्त होगी। मटर एवं अन्य फसलों के उत्पादन में वृद्धि का लाभ भी तभी प्राप्त हो सकेगा, जब फूड प्रोसेसिंग प्लांट भी लगाए जाएं। किसान संघ के पदाधिकारी इस क्षेत्र में किसानों का मार्गदर्शन एवं सहयोग करें।

बैठक में इन विषयों पर भी हुई चर्चा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों की चर्चा में भूमि अधिग्रहण, बंटवारा, नामांतरण, इंद्राज दुरूस्ती, क्षेत्रीय स्तर पर फसल कटाई प्रयोग, सीमांकन कार्य के लिए मशीनों की संख्या में वृद्धि, सौ रुपए के स्टॉम्प पर रजिस्ट्रार द्वारा हकत्याग मान्य किए जाने आर आई एवं पटवारी के दायित्वों के स्वरूप, सहकारी संस्थाओं की भूमिका, खाद की व्यवस्था, अमानक दुग्ध के विक्रय पर नियंत्रण, तौल कांटों की व्यवस्था, महिला हम्मालों के लिए पृथक श्रेणी बनाने, प्रदेश की बड़ी कृषक उपज मंडियों में बड़े इलेक्ट्रानिक तौल कांटे की व्यवस्था, प्रदेश में कृषि आदान एवं उत्पाद में जल संसाधन विभाग की भूमिका एवं सहयोग के संबंध में भी चर्चा हुई।

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