जेण्डर संवेदीकरण पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न
गरियाबंद। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन‘‘‘बिहान’’गरियाबंद के तहत् कलेक्टर दीपक अग्रवाल के मार्गदर्शन व सीईओ जिला पंचायत के नेतृत्व में एक दिवसीय जिला स्तरीय जेण्डर संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन विगत दिवस जिला पंचायत सभाकक्ष में किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में जेण्डर आधारित भेदभाव की रोक पर समझ विकसित करना व जेण्डर कार्यक्रम के क्रियाकलाप पर विस्तृत चर्चा करना था। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस प्रशासन,स्वास्थ्य विभाग,कौशल विभाग,प्रदान संस्था,चौतन्य संस्था के प्रतिनिधि उपस्थिति होकर कार्यक्रम को संबोधित किया गया। कार्यक्रम में जेण्डर अंतर्गत कार्य कर रहे जेण्डर पाइण्ट पर्सन,सखी मंच के सदस्य, सोशल एक्शन कमेटी के सदस्य,ग्राम संगठन व संकुल स्तरीय संगठन के पदाधिकारियों ने प्रतिभागिता की।
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। जिसमें ग्रामीण गरीब महिलाओं को गरीबी उन्मूलन हेतु स्व-सहायता समूहों में संगठित कर विभिन्न आजीविका गतिविधियों के माध्यम से जोड़कर निरंतर कार्य किया जा रहा है। यह योजना इस उद्देश्य से बनाया गया है कि बड़े पैमाने पर गरीबी दूर करने के लिए ग्रामीण गरीब परिवारों को स्व-सहायता समूहों में संगठित कर उनके क्षमता विकास, वित्तीयसहयोग तथा विभिन्न आजीविका संसाधनों के माध्यम से लाभान्वित किया जा सकें। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन गरीबी के साथ-साथ आय अथवा आर्थिक समझ के साथ-साथ लिंग, जाति एवं वर्ग के आधार पर महिलाओं द्वारा सामना किये जाने वाले जेण्डर भेदभाव के कारण एवं उसके प्रभाव के रूप में गरीबी को पहचानना व इस पर कार्य किया जाता है।
समाज में समुदाय की वंचित महिलाओं पर जेण्डर भेदभाव तथा उनके ऊपर होने वाले हिंसा एवं सामाजिक बहिष्कार इत्यादि मुद्दों के कारण सकारात्मक दृष्टिकोण और स्वयं की पहचान नहीं बन पाती है। इस कारण स्व-सहायता समूह में सबसे कमजोर परिवारों को सम्मिलित करके इस व्यापक लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि महिलाओं में आत्मविश्वास, सकारात्मक दृष्टिकोण, समाज में उनकी पहचान और स्थान बनाने में वे सक्षम हो सकें।
जेण्डर भेदभाव दूर करने हेतु सामुदायिक स्तर पर मिशन अंतर्गत एक सुनियोजित जेण्डर संरचना स्थापित किया गया है जिसके अंतर्गत संकुल स्तर पर संकुल स्तरीय संगठन एवं सामाजिक कार्यकारिणी समिति, ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम संगठन, सखी मंच एवं जेण्डर फोरम तथा समूह स्तर पर जेण्डर प्वाइंट पर्सन इत्यादि सम्मिलित है। यह संस्थागत संरचना मुख्य रूप से जेण्डर भेदभाव के मुद्दों को पहचानने, स्वीकार करने एवं संबोधित करने के साथ-साथ समाज में महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाने हेतु कार्य करते है। यह संस्था महिलाओं की सामूहिक शक्ति से महिलाओं के अधिकारों, सुरक्षा और संरक्षण को सुनिश्चित करता है तथा समाज में गरीब एवं वंचित महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव करते है।
कार्यक्रम में सखी सेंटर के प्रतिनिधियों द्वारा महिला के अधिकार व कानून के बारे में एवं सखी सेंटर की कार्यशैली के बारे में विस्तृत से बताया गया एवं वर्तमान में हुए कानूनी बदलाव के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। प्रदान संस्था से अरूणा मिंज एवं चौतन्य संस्था से प्रतिनिधि के रूप में ममता ने जेण्डर की कार्ययोजना व रणनीति पर चर्चा की गई। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से डीपीएम-गेब्रियल जॉन वाईक्लिफ, आशीष सिंह एवं रमेश वर्मा उपस्थित थे।