छतरपुर। बागेश्वर धाम में 5 दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव चल रहा है। महोत्सव के तीसरे दिन शनिवार को लाखों लोगों ने सुबह से बालाजी के दर्शन किए और इसके बाद अपने गुरु के दर्शन किए। बागेश्वर धाम में सुबह करीब 4 बजे से बालाजी के दर्शन के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा था। मंदिर के आसपास का समूचा क्षेत्र लोगों से भर गया। बालाजी की कृपा पाने के लिए लोग आतुर रहे। सुबह की महाआरती के बाद बालाजी के दर्शनों का क्रम शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा।
दोपहर करीब 12 बजे से मुख्य पंडाल पर पहुंचे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन के लिए लोग इकट्ठा हो गए थे। पहले वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पादुकाओं का पूजन हुआ, इसके पश्चात गुरू दर्शन प्रारंभ हुआ। महोत्सव को 5 दिवसीय रखा गया है। शनिवार और रविवार को पादुका पूजन व गुरु दर्शन का कार्यक्रम है।
महोत्सव में आने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसके पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, भोजन, आवागमन की विधिवत व्यवस्था की गई हैं।
एएसपी के नेतृत्व में 4 जिलों का पुलिस बल तैनात
बागेश्वर धाम में लाखों लोग आ रहे हैं इसलिए सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम करने पड़ रहे हैं। खजुराहो एसडीओपी सलिल शर्मा ने बताया कि छतरपुर के अलावा पन्ना, टीकमगढ़ और सागर से करीब तीन सैकड़ा पुलिस बल बुलाया गया है। दो शिफ्ट में ड्यूटियां निर्धारित की गई हैं। एएसपी विक्रम सिंह के नेतृत्व में दोनों शिफ्टों के लिए एक-एक एसडीओपी नियुक्त किए गए हैं।
10 थाना प्रभारी एवं 15 एएसआई के साथ-साथ 300 पुलिस बल सुरक्षा व्यवस्था में लगा है। आवागमन सुचारू रूप से चले इसके भी इंतजाम किए गए हैं। जानकारी में यह भी आया है कि करीब 5 सैकड़ा सेवादार पुलिस और प्रशासन के मार्गदर्शन में काम कर रहा है।
सिद्ध आश्रम में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं इसलिए उनके स्वास्थ्य की भी चिंता करना स्वाभाविक है। प्रतिकूल मौसम के बावजूद लोगों का जोश कम नहीं हो रहा है। राजनगर से आए डॉ. कुलदीप सिंह यादव ने बताया कि अस्थाई अस्पतालों के माध्यम से लोगों को इलाज देने का प्रयास किया जा रहा है।
रात भर हास्य-व्यंग्य की गूंजती रहीं कविताएं
बागेश्वर धाम में अखिल भारतीय स्तर का कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। देश के विभिन्न स्थानों से आए कवियों ने अपनी कविताओं से लोगों को खूब गुदगुदाया। लखनऊ के वेदव्रत बाजपेई की ओज काव्यों से लोगों में राष्ट्रीय भावना को जगाया। देर रात शुरू हुए कवि सम्मेलन को सुनने के लिए बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा रहे।