छत्तीसगढ़

पाक्सो व बलात्कार मामले आरोपी को आजीवन कारावास व 2 हजार का लगा अर्थदंड

गरियाबंद। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय (पाक्सो व बलात्कार मामले) गरियाबंद पीठासीन न्यायाधीश यशवंत वासनीकर ने थाना देवभोग के अपराध क्रमांक 193/2020 में 21.06.2024 को पीड़िता की हत्या करने के आरोप में आरोपी चन्द्रकुमार नागेश, पिता- हरिशचन्द्र नागेश, उम्र 25 वर्ष, निवासी ग्राम कैटपदर, थाना-देवभोग, जिला-गरियाबंद को धारा 302 भा०दं० संहिता के अपराध में आजीवन कारावास एवं 2,000/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

अतिरिक्त लोक अभियोजक जनक राम साहू ने जानकारी देते हुए बताया है कि 29.01.2020 को पीड़िता के पिता सुबह शौच से वापस घर आया तो उसकी पत्नी ने उसे बताया कि उसकी पुत्री पीड़िता 17 वर्ष रात में खाना खाकर सोयी थी अब वह उठ नही रही है। उसके शरीर में कोई हलचल भी नही है तथा उसके गले में चोट का निशान दिखाई दे रहा है, जिस पर कार्यपालक मजिस्ट्रेट से पंचनामा कार्यवाही पश्चात सी.एच.सी. देवभोग के डाक्टरो की टीम द्वारा शव का पी.एम. किया गया। डाक्टरों की टीम ने शार्ट पी.एम. रिपोर्ट में मृत्यु का कारण अकड़न एवं मृत्यु की प्रकृति होमी साइडल लेख किये जाने पर पुलिस थाना देवभोग द्वारा अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 302 भा. दं. संहिता पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बताया कि विवेचना के दौरान गवाहो से पूछताछ पर स्पष्ट हुआ कि घटना दिनांक को सुबह 5-6 बजे के मध्य संदेही आरोपी चन्द्रकुमार नागेश को मृतिका के घर से निकलकर भागते हुए देखे है, तत्पश्चात पुलिस द्वारा आरोपी को पकड़कर घटना के संबंध में पूछताछ किया गया। आरोपी द्वारा घटना को स्वीकार करने पर धारा 27 साक्ष्य अधिनियम के तहत मेमोरेण्डम कथन लिया गया, जिसमें आरोपी ने बताया था कि घटना दिनांक के एक माह पूर्व नवम्बर माह में मृतिका के साथ संभोग करने से गर्भवती हो गई थी, उक्त गर्भ को गिराने के लिये उसने गर्भ निरोधक गोली अन्वान्टेड कीट उसे लाकर खिलायी थी। जिससे उसका गर्भ गिर गया था एवं उक्त गोली के खाली रेपर को उसने अपने खेत में ले जाकर फेक दिया था। मेमोरेण्डम कथन के आधार पर आरोपी के निशान देही पर अन्वान्टेड कीट खाली रेपर को आरोपी के खेत से जप्त किया गया एवं उक्त प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना पश्चात आरोपी के विरूद्ध धारा 312, 449, 376 (2) (ढ), 506, 302 भा. दं. संहिता एवं धारा 6, 8 तथा 13 के तहत न्यायालय में पुलिस द्वारा अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।

अभियोजन द्वारा अपने पक्ष समर्थन में कुल 21 साक्षियों का कथन कराया गया। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय गरियाबंद यशवंत वासनीकर द्वारा गवाहो का कथन के आधार पर आरोपी को धारा 312, 376 (2) (ढ), 506 भा.दं.संहिता एवं धार 6, 8, 13 पाक्सो एक्ट के तहत अपराध सिद्ध नही पाये जाने पर आरोपी को संदेह का लाभ देते हुये दोषमुक्त किया गया है। वहीं प्रकरण के समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए अभियुक्त चन्द्र कुमार नागेश को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 एवं धारा 449 के तहत दोषसिद्ध पाते हुये धारा 302 भा.दं.संहिता में आजीवन कारावास एवं 2,000/- अर्थदण्ड तथा धारा 449 भा.दं. संहिता के अपराध में 5 वर्ष का कठिन कारावास एवं 2,000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

न्यायालय द्वारा पीड़िता / मृतिका की माता की आर्थिक सामाजिक परिस्थितियों पर विचार करते हुये प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुये मृतिका की माँ को हुई मानसिक हानि व पूनर्वास के लिए 5,00,000/- (पाँच लाख रूपये) प्रतिकर दिलाये जाने का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर को नियमानुसार कार्यवाही करते हुये प्रतिकर प्रदाय करने के लिए निर्देशित किया गया हैं। उक्त प्रकरण में अभियोजन की ओर से जनक राम साहू, अतिरिक्त लोक अभियोजक द्वारा पैरवी की गई है।

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