नक्सलियों ने पीडिया मुठभेड़ को बताया फर्जी, जारी किया पर्चा, कार्रवाई की मांग की
बीजापुर। जिले में 10 मई को पीडिया के जंगलों में तकरीबन 12 घंटे तक चले मुठभेड़ के बाद जवानों ने 12 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता हासिल की थी। घटनास्थल से हथियार समेत 12 शव भी बरामद किए गए थे। जिसको लेकर सोमवार को नक्सलियों ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए दो को अपना अपना सदस्य बताया है और 10 लोगों को ग्रामीण बताया है और कार्रवाई की मांग की है।
नक्सलियों द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, 9 मई को बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा जिला के उप निरक्षक कमलोशन कश्याप, एसपी के नेतृत्व में संयुक्त आपरेशन चलाया गया था। जिसमें डीआरजी, सीआरपीएफ, कोबरा के 1200 फोर्स ने तुमनार-पीड़िया-इतावर गांवों के उपर विदेशी सैनिकों की तरह तेंदू पत्ता तोड़ने जंगल गये ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इनके ऊपर टू इंच मोर्टार सेल और राकेट दागे गये। दोपहर 1 बजे इस घटना में पीड़िया गांव के धोबेनपारा के अवलाम सन्नू (घुंघा), इंदाड़पारा ओयाम भीमाल, गुपागुड़ेम तामो दूला, लेकामपारा लेकाम सन्नू, इतावार की निर्दोष ग्रामीण कुंजाम लक्के, कुंजाम सुनिता, उण्डाम छोटू, ताती सुक्कू कुंजाम चैतू 6वीं कक्षा बासागुड़ा पोटाकेबिन में अध्ययनरत था। वहीं डोडी तुमनार का बाड़से जोगा अपने चाचा को पालन पोषाण करने के लिए इतावार में रहता था।
उन्होंने आगे लिखा है कि, हमारे पीएलजीए के सदस्य कामरेड् पूनेम कल्लू, उईका बुधू बीमारी के चलते सीविल सें गांव मे थे। इन निर्दोष आदिवासीयों की निर्माम तरीके से हत्या की है। कुंजाम लक्के, उण्डान छोटू को एरिया कमेटी, पीपीसी सदस्या बताया है जो कि, सफेद झूठ है और वे इतावार गांव के निवासी हैं। तेंदू पत्ता तोड़ाई करने वाले ग्रामीणों पर अंधाधुध फायरिंग कर 6 निर्दोष आदिवासी गंभीर घायल अवस्था में तड़प रहें है। सैकड़ों ग्रामीणों को घेराबंदी करके और उन्हें पकड़ कर 55 लोगो कैंप में रख कर यातनाएं दे रहे हैं। वहीं कुछ लोंगो से मार-पीट कर उन्हें छोड़ दिया गया है।
नौकरी से निकालने और आंदोलन करने की मांग
नक्सलियों ने आगे लिखा है कि, माओवादियों के साथ मुठभेड़ होने की बात मनगढंत हैं। बीजापुर एसपी जितेन्द्र कुमार यादव के झूठी प्रचार का खण्डन करें। इस घटना में शामिल दोषी पुलिस अधिकारी और जवानों को कड़ी से कड़ी सजा देकर नौकरी से बर्खास्त करने, बीमार से रहे हमारे पीएलजीए साथियों को तुरंत रिहा करने, घायल ग्रामीणों का इलाज करवाने की मांग की है।