छत्तीसगढ़

गंगालूर आश्रम घटना की उच्चस्तरीय जाँच हो : संगीता सिन्हा

भाजपा की साय सरकार में आदिवासी महिलायें और बच्चे असुरक्षित हैं : अंबिका मरकाम

रिपोर्टर : रवि गांधरला

बीजापुर। जिले के गंगालूर शासकीय हाई स्कूल आवासीय छात्रावास (पोटा केबिन) अंतर्गत कक्षा-12वीं में अध्ययनरत छात्रा की गर्भवती होने व नवजात बच्चे को जन्म देने की घटना को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने बालोद की विधायक संगीता सिन्हा के नेतृत्व में 13 मार्च 2024 को आठ सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था। पीसीसी द्वारा गठित समिति में बलौद की विधायक संगीता सिन्हा के अलावा, अंबिका मरकाम विधायक सिहावा, सावित्री मंडावी विधायक भानुप्रतापपुर, सुभद्रा सलाम अध्यक्ष ज़िला कांग्रेस कमेटी कांकेर, श्यामबती नेताम अध्यक्ष जि.पं. नारायणपुर, तुलिका कर्मा अध्यक्ष- जि.पं. दंतेवाड़ा, नीना रावतिया उद्दे सदस्य जि. पं. बीजापुर व बोधि ताती अध्यक्ष जनपद पंचायत बीजापुर आदि शामिल थे।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार कांग्रेस की आठ सदस्यीय जाँच दल 15 मार्च को बीजापुर पहुँचकर पीड़िता से मुलाक़ात कर घटना की विस्तृत जानकारी लिए है। उसके बाद जाँच दल गंगालूर स्थित कन्या पोटाकेबिन स्कूल पहुँची और स्कूल के शिक्षकों और छात्रों से मुलाक़ात कर घटना की जानकारी लिए और पूरे स्कूल का मुआयना जाँच दल ने किया है।

जाँच दल गंगालूर से वापस बीजापुर आई और प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा कि भाजपा की साय सरकार में आदिवासी महिलायें, आदिवासी बच्चियाँ असुरक्षित है। गंगालूर स्कूल की घटना पूरे शिक्षा प्रणाली को शर्मसार करने वाली घटना है, जिसकी उच्च स्तरीय जाँच हो और जो भी दोषी है। उस पर कार्यवाही हो लेकिन घटना के इतने दिनों बाद भी प्रदेश की भाजपा सरकार और ज़िला प्रशासन का इस घटना में किसी पर कार्यवाही नहीं करना निश्चित रूप से यह दर्शाता है, कि प्रदेश की भाजपा सरकार और ज़िला प्रशासन आदिवासी बच्चियों को न्याय देना नहीं चाहती है।

जाँच समिति की संयोजक व बालोद की विधायक संगीता सिन्हा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि “पीड़ित छात्रा और स्कूल की अधीक्षक के बयान विपरीत है, प्रशासन घटना में कुछ छिपा रही है। इतनी बड़ी घटना की जानकारी अधीक्षिका के साथ-साथ शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी को पता नहीं चला इसका मतलब यह है, कि प्रदेश सरकार और प्रशासन छात्रों के साथ घोर लफ़रवाही कर रही है, इस पूरे घटना की उच्च स्तरीय जाँच हो। विधायक संगीता सिन्हा ने प्रेस वार्ता में आगे कहा कि पोटाकेबिन में बच्चों को पौष्टिक भोजन नहीं मिल रहा है।”

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जाँच दल की सदस्य एवं सिहावा की विधायक अंबिका मरकाम ने प्रदेश सरकार व प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि “आदिवासी बालिका पर अत्याचार हो रहा है जाँच कराने के बजाय प्रशासन घटना की खानापूर्ति करते हुए मात्र अधीक्षक पर निलंबन की कार्यवाही कर बड़े अधिकारियों को बचाने में लगी है। घटना होने के बाद प्रशासन को घटना की खबर लगना प्रशासन की घोर लफ़रवाही है इस घटना की उच्च स्तरीय जाँच हो और ज़िम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्यवाही हो।

जाँच दल की सदस्य एवं भानुप्रतापुर की विधायक सावित्री मंडावी ने प्रेस वार्ता में कहा कि “ ज़िला मुख्यालय से महज़ कुछ दूर में ये स्थिति है तो अन्य क्षेत्रों में आदिवासी महिलाओं और बच्चों की क्या स्थिति होगी इस घटना से अंदाज़ा लगाया जा सकता है। गंगालूर की घटना की निष्पक्ष जाँच हो और कार्यवाही हो।”

ज़िला कांग्रेस कमेटी कांकेर की अध्यक्ष सुभद्रा सलाम और ज़िला पंचायत अध्यक्ष दंतेवाड़ा तूलिका कर्मा ने भी प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए घटना की उच्च स्तरीय जाँच की माँग की है। प्रेस वार्ता के दौरान बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी, ज़िला कांग्रेस कमेटी बीजापुर के अध्यक्ष लालू राठौर, ज़िला पंचायत सदस्य सरिता चापा, संत कुमारी मंडावी, पार्वती कश्यप, नगर पंचायत अध्यक्ष रिंकी कोरम, जनपद अध्यक्ष भोपालपटनम निर्मला मरपल्ली, ज़िला महिला कांग्रेस की अध्यक्ष गीता कमल, पार्षद ललिता झाड़ी, कविता यादव, सोनमती और पार्षद सुनीता एट्टी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।

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