धान खरीदी केंद्रों में क्षमता से अधिक धान, उठाव में तेजी नहीं आएगी तो हो सकती है प्रभावित
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के खरीदी केंद्रों में धान की आवक लगातार बनी हुई है, जिससे कि बहुत से खरीदी केंद्र बफर लिमिट पार कर गया है, धान उठाव धीमी होने के चलते क्षमता से अधिक धान खरीदी केंद्रों में दिखाई दे रहे हैं, इससे कि खरीदी केंद्रों में अव्यवस्थाएं साफ देखने को मिल रही है।
जबकि केंद्रों में जो सुविधा और व्यवस्थाएं होनी चाहिए वो नजर नहीं आते, ड्रेनेज तो नाममात्र भर के हैं, लिमिट से ज्यादा धान होने की वजह से अब समिति प्रभारियों की परेशानी बढ़ गई है, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी तक है, अवकाश के दिनों को छोड़कर खरीदी को महज पखवाड़ेभर से भी कम दिन बचे हैं, वहीं बात करें खरीदी केंद्रों की हालिया स्थिति की तो यहां धान उठाव के मुकाबले आवक ज्यादा बनी हुई है।
गरियाबंद जिला में 90 खरीदी केंद्र हैं, जिसमें अधिकतर केंद्रों में क्षमता से अधिक धान हैं, बात करें गरियाबंद जिला मुख्यालय के नजदीक खरीदी केंद्र नागाबुडा, सोहागपुर सहित अन्य केंद्रों में किसानों द्वारा धान लाने का सिलसिला लगातार जारी है, लेकिन धान परिवहन की सुस्त रफ्तार के कारण फड़ में जगह की कमी हो गई है, जिसके चलते किसानों के साथ–साथ खरीदी केंद्र के कर्मचारियों को परेशानी हो रही है।
यह आलम जिला मुख्यालय के खरीदी केंद्रों की है, वहीं संबंधित विभाग द्वारा जो कागजी जानकारी दी गई है, वह धरातल से काफी उलट है, जिसमें जरूर यह कहा जा रहा है कि अभी तक खरीदी के विरुद्ध मिलर्स को धान उठाव को लेकर जितना डीओ जारी किए हैं, उसमें 80 प्रतिशत उठाव हो चुके हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति साफ बताती है कि खरीदी केंद्रों में अब भी धान क्षमता से अधिक है, खरीदी केंद्र प्रभारियों ने भी साफ कहा है कि क्षमता से अधिक धान हो गया है, अगर उठाव में तेजी नहीं आएगी तो खरीदी प्रभावित हो सकती है।