उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर ऑपरेशन जारी
उत्तरकाशी। उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है। सुरंग में 12 घंटे की शिफ्ट खत्म कर मजदूर रविवार सुबह करीब आठ बजे दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए जाने ही वाले थे, लेकिन ढाई घंटे पहले ही 5:30 बजे सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 250 मीटर आगे 35 मीटर हिस्से में भूस्खलन हो गया।
सुरंग में उस वक्त 45 मजदूर थे। मलबा धीरे-धीरे गिरता देख पांच मजदूर तो बाहर भाग गए लेकिन 40 सुरंग में ही फंस गए। दरअसल, चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किमी सुरंग का निर्माण कार्य अब करीब 500 मीटर शेष रह गया है जिसका निर्माण मजदूर दो शिफ्ट में कर रहे हैं।बीते शनिवार रात आठ बजे शिफ्ट शुरू हुई थी जिसमें 45 मजदूर काम पर गए थे। यह शिफ्ट रविवार को बड़ी दीपावली के दिन सुबह आठ बजे खत्म होने वाली थी। इसके बाद सभी मजदूर साथियों के साथ दीपावली की छुट्टी मनाते, लेकिन इससे पहले ही सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 230 मीटर अंदर सुरंग टूट गई।
सुरंग में मलबा गिरते ही मची भगदड़
सिलक्यारा सुरंग में बार-बार मलबा गिर रहा है। यहां दोबारा मलबा गिरने से भगदड़ मच गई। सुरंग में दस मजदूर कर रहे हैं। मलबा गिरते ही भगदड़ मचने से एक मजदूर चोटिल हो गया, जिसे उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।
महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल को दोबारा जिम्मेदारी
एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम) के गत 6 नवंबर को रिलीव हो चुके महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल को उनके अनुभव को देखते हुए दोबारा भेजा गया है। हालांकि इस बार वह रिलीफ इंचार्ज की भूमिका में यहाँ आए हैं। उन्होंने कहा कि अंदर फंसे मजदूरों को सकुशल बाहर निकालना उनकी पहली प्राथमिकता है।मंगलवार को एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने घटनास्थल पर पहुंच श्रमिकों से बात कर सुरक्षित रेस्क्यू का आश्वसन दिया। रसद और आवश्यक दवाइयां भी पहुंचाई गई। उत्तरकाशी के ब्रह्मखाल बड़कोट के बीच सुरंग धसने के कारण टनल में फंसे श्रमिकों से मणिकांत मिश्रा द्वारा वॉकी-टॉकी के माध्यम से बात कर उनकी कुशलता ली गई। उन्होंने श्रमिकों का हौसला बढ़ाया। श्रमिकों द्वारा बताया गया कि वे सब ठीक है। कम्प्रेसर के माध्यम से श्रमिकों को आवश्यक खाद्य सामग्री पहुंचाई गई। गाजियाबाद से भी आयरन के 820 एमएम के पाइप लेकर एक ट्रक पहुंच गया है। जबकि एक अन्य पाइप उतारकर जा चुका है।