पतरापाली के चमेली स्व सहायता समूह के लिए मछली पालन बना आजीविका का स्रोत
जशपुरनगर। छत्तीसगढ़ राज्य आजीविका मिशन बिहान योजना के अंतर्गत् संचालित पत्थलगांव विकासखण्ड के पतरापाली के चमेली स्व सहायता समूह ने मछली पालन को आजीविका का स्रोत बना लिया है। ग्राम पंचायत पतरापाली में कुल 22 समूह है। इसके आधार पर 2 ग्राम संगठन भी बने हैं चमेली स्व सहायता समूह एक संगठित व सक्रिय समूह है। जिसमें अलग-अलग जाति समुदाय के सदस्य सम्मिलित हैं। इस समूह के सदस्य आपस में मिलजुल कर कार्य करते हैं। आवश्यकता पड़ने पर एक दूसरे का सहयोग करने से पीछे नहीं हटते हैं समूह के सदस्यों में अच्छा तालमेल पारदर्शिता होने के कारण समूह प्रगति की ओर है।
स्व सहायता समूह के द्वारा ग्राम पंचायत में स्थित तालाब में मत्स्य विभाग के समायोजन से तालाब में मछली बीज डाला गया है इसके लिए समय-समय पर आवश्यक जानकारी व मछली हेतु चारा इत्यादि भी दिया जाता है तथा समूह के द्वारा मछली पकड़ने का कार्य स्वयं से किया जाता है। प्रत्येक साप्ताहिक लगने वाली बाजार में मत्स्य की बिक्री कर दी जाती है। इस प्रकार से सामूहिक आमदनी लगभग 60 हजार रुपये हो चुके हैं। समूह भी पूर्ण रूप से आर्थिक रूप से मजबूत व आय के स्रोत में अग्रसर है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गौठानों को स्वावलंबी बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है और स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है। गौठानों में मुर्गी पालन, बकरी पालन, मशरूम उत्पादन, बांस की टोकरी निर्माण, बटेर पालन, बाड़ी विकास, साग सब्जी का उत्पादन, राईस मिल, पोल निर्माण, सरसो तेल, हेचरी पालन, सेनेटरी पेड निर्माण सहित अन्य गतिविधियों में शामिल करके समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
जिला पंचायत के एनआर.एल.एम. बिहान द्वारा भी स्व सहायता समूह के महिलाओं को सशक्त बानने के उद्देश्य से आर्थिक गतिविधियों में जोड़ने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके। जिले के विभिन्न विभागों द्वारा भी रीपा के तहत् परिवारों और समूह की महिलाओं को विभाग की योजना से लाभान्वित कर अतिरिक्त आमदनी अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।