प्रधानमंत्री से लेकर भाजपाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री आरक्षण बिल पर क्यों चुप हैं? – कांग्रेस
रायपुर। आरक्षण संशोधन विधेयक को राजभवन में 9 महीनों से अटका हुआ है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि अभी तक राजभवन ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किया है। प्रदेश में चुनावी दौरे पर भाजपा के बड़े-बड़े नेता आ रहे प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्री तक आ रहे लेकिन राजभवन में रूके आरक्षण बिल पर सब मौन है। भाजपा के कारण आरक्षण बिल राजभवन में रूका हुआ है। भाजपा के आरक्षण विरोधी रवैय्ये को कांग्रेस जनता के बीच लेकर जायेगी। भाजपा आरक्षित वर्ग के गरीबों के हितों में बाधक बनी हुई है। आरक्षण संशोधन विधेयक में आदिवासी समाज के लिये 32 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। आरक्षण विधेयक राजभवन में रुका है तो इसका खामियाजा आदिवासी समाज को सबसे ज्यादा हो रहा। कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार से मांग करती है वह हस्तक्षेप कर आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल को हस्ताक्षर करने को कहे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि भाजपा अपने राजनैतिक हितों के लिये प्रदेश की जनता के हितों में बाधा पैदा कर रही है। कांग्रेस सरकार द्वारा पारित करवाये गये आरक्षण संशोधन विधेयक में ओबीसी के लिये भी 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ओबीसी वर्ग से आते है लेकिन ओबीसी वर्ग के हितों के खिलाफ जाकर वे लोग भी आरक्षण विधेयक को राजभवन में रोकवाये है। प्रदेश का सभी समाज भाजपा के षड़यंत्रों को समझ रहा है आने वाले चुनाव में आरक्षण बिल बड़ा मुद्दा होगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने वर्तमान विधेयक को बनाने के ठोस आधारों का अध्ययन किया है। कांग्रेस ने सर्व समाज को आरक्षण देने अपना काम पूरी ईमानदारी से करके सभी वर्गो के लिये आरक्षण का प्रावधान किया है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति को उनकी जनगणना के आधार पर तथा पिछड़ा वर्ग को क्वांटी फायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया। इस विधेयक में अनुसूचित जनजाति के लिये 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिये 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगो को भी 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। 76 प्रतिशत का आरक्षण सभी वर्गो की आबादी के अनुसार निर्णय लिया है। यह विधेयक यदि कानून का रूप लेगा तो हर वर्ग के लोग संतुष्ट होंगे। सभी वंचित वर्ग के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने सामाजिक न्याय को लागू करने यह विधेयक बनाया गया है। इस विधेयक को विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया है इसको रोकना जनमत का अपमान है।