फर्जी नक्सली मुठभेड़ के आरोपियों को मिले सजा, पीड़ितों की मांग
0 राजनैतिक विरोधियों की नक्सली संगठन से नहीं कोई ताल्लुक : मनीष कुंजाम
सुकमा @ बालक राम यादव। सुकमा जिला के पुलिस फर्जी एनकाउंटर को दे रही मुठभेड़ का रूप, ताड़मेटला के जंगलों में पुलिस ने नक्सली मुठभेड़ में कथित नक्सलियों के मारे जाने का दावा किया गया था। इस मुठभेड़ को सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने पुलिस के द्वारा फर्जी मुठभेड़ कर ग्रामीणों
को गोली मारने का आरोप लगाया था। जिसके बाद मामले को लेकर सुकमा में पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान कहा कि कथित नक्सली रवा देवा की पत्नी रवा सोनी ने सुकमा पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी चिंतागुफ को रवा देवा और सोड़ी कोसा को पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ कर गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया हैं। जिसमें दोषी पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज करते हुए मामले में निष्पक्ष जांच कर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई हैं।
पीड़िता का आरोप है की पति रवा देवा पिता बन्डी एवं सोड़ी कोसा पिता बीड़ा, ग्राम ताडमेटला से दिनांक 04.09.2023 को धान विक्रय का रकम लेने ग्राम तिम्मापुरम निवासी मुचाकी सना के पास गये थे। उसी दिन दोपहर को ग्राम चिन्तलनार में पेट्रोल व्यवसायी से अपनी मोटर साईकिल में पेट्रोल भरवाकर वापस अपने गांव ताड़मेटला की ओर आ रहे थे, कि चिन्तलनार थाने के पास ही चिन्तलनार के पुलिस कर्मचारियों के द्वारा दोनों को मौके पर रोककर उन्हें मोटर साईकिल सहित थाना ले जाया गया। 04.09.2023 को ही गोपनीय तरीके से बुरकापाल एवं ताड़मेटला के मध्य रात्रि लगभग 8.00 बजे पुलिस कर्मचारियों द्वारा उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी।
मामले को लेकर कथित नक्सली रवा देवा की पत्नी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है की पुलिस ने झूठी कहानी रचते हुए दिनांक 05.09.2023 को सुबह ग्राम बुरकापाल एवं ताड़मेटला के मध्य जंगल में पुलिस वालो ने दोनों को गोली मारकर हत्या कर दिये और फर्जी तरीके से मुठभेड़ का रूप दिया गया है। पीड़िता ने राशन कार्ड, आधार कार्ड,ड्रायविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज प्रस्तुत कर रवा देवा एवं सोड़ी कोसा दोनो कृषक होना बताया है। जो ताड़मेटला में ही दैनिक उपयोग की वस्तुए विक्रय का दुकान संचालित करते थे उससे गोली मारकर उन दो हत्या कर उसे मुठभेड़ का रूप दिया है। रवा देवा एवं सोड़ी कोसा को गोली मारकर हत्या करने के बाद दोनों के शवों को सुकमा लाया गया। फिर बाद में उन्हें दाह-संस्कार के लिए ताड़मेटला लाकर हमारी सहमति के बिना पुलिस ने दोनों के शवो को जबरन जला दिया है।
आरोपों को प्रमाणित करने के मेरे पास तमाम तथ्य – कुंजाम
मामले को लेकर मनीष कुंजाम ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाते हुए मंत्री कवासी लखमा को घटना का जिम्मेदार ठहराया है। कुंजाम का कहना है कि मेरे कार्यक्रमों से भयभीत होकर मुझे रोकने के लिए और कार्यक्रम को प्रभावित और बाधित करने के लिए मंत्री कवासी लखमा के इशारे पर ये दो निर्दोष ग्रामीणों का फर्ज़ी एनकाउंटर किया गया। इन आरोपों को प्रमाणित करने के लिए मेरे पास तमाम तथ्य है। कुंजाम ने कहा कि डी आर जी एफके कुछ जवानों ने भी इस फर्नी एनकाउंटर को लेकर विरोध किया। राजनीतिक मनसा को साधने के लिए कवासी लखमा के इशारे पर इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया। कुंजाम ने यह भी कहा कि इस वक्त मंत्री के पास अपार सम्पत्ति एवं पैसे है, इस चुनाव में इसका हर तरीके से इस्तेमाल होगा। विरोधी राजनैतिक कार्यकर्ता, समाज के कार्यकर्ताओं की भी हत्या करायी जा सकती है। यहां तक की मै स्वय भी सुरक्षित नहीं हूँ। इसलिए इस घटना की उच्च स्तरीय एवं निष्पक्ष जांच आवश्यक है।