अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों के संरक्षण पर आयोग के अध्यक्ष ने दिया जोर
विश्राम भवन में अधिकारियों के साथ की बैठक
कोंडागांव @ रूपेंद्र कोर्राम। अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के पी खांडे ने शनिवार को स्थानीय विश्राम भवन में जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के विरुद्ध होने वाले शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक आदि अत्याचारों से उन्हें न्याय दिलाना आयोग का दायित्व है।
इस दौरान अनूसूचित जाति वर्ग के लोगों के अधिकारों के संरक्षण पर जोर दिया और कहा कि उन्होंने कहा कि कुछ मामले पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं होते, उन मामलों में भी पीड़ित के अनुसूचित वर्ग के होने पर आयोग द्वारा कार्यवाही की जाती है। इस वर्ग के लोगों के ऊपर होने वाले अत्याचार के रोकथाम के लिए अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत कार्यवाही करें। इस वर्ग की महिला को अपमानित किए जाने पर या छेड़ छाड़ किए जाने पर पीड़िता को राहत राशि प्रदान की जाती है। बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, हत्या आदि मामलों में भी राहत राशि का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा अनुसूचित वर्ग के कर्मचारी के साथ भी उदारता और सद्भावनापूर्वक व्यवहार करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने इस दौरान अनूसूचित जाति वर्ग के सदस्यों द्वारा रखी गई समस्याओं के त्वरित निराकरण के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में संयुक्त कलेक्टर मनोज केशरिया, चित्रकांत चाली ठाकुर, आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त सुश्री कावेरी मरकाम, परियोजना प्रशासक संकल्प साहू सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।