बस्तर संभाग के दौरे पर केंद्रीय रक्षा मंत्री, मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर संदेश लेकर पहुँचेंगे कांकेर
कांकेर। 1 जुलाई को बस्तर संभाग में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी के दौरे के मद्देनजर कांकेर में बस्तर प्रभारी सांसद संतोष पांडे, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, यशवंत जैन, भाजपा कांकेर जिला अध्यक्ष सतीश लाठिया भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।
वार्ता में भाजपा नेता संतोष पांडे व विक्रम उसेंडी ने कहा कि अति प्रसन्नता का विषय है कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के तेजस्वी रक्षा मंत्री माननीय राजनाथ सिंह जी बस्तर की ऊर्जा भूमि में कल हम सभी के बीच होंगे। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 9 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आम जनता तक प्रधानमंत्री मोदी जी का संदेश लेकर कांकेर आ रहे हैं। राजनाथ सिंह यहां नरहरदेव स्कूल प्रांगण में दोपहर 12 बजे विशाल जन सभा को संबोधित करेंगे। सभा की सफलता के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने संभाग के सभी जिलों, मंडल और बूथ स्तर तक बैठक की है। उन्होंने सभा में सभी नागरिकों को शामिल होने की अपील की। सभा में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, कांकेर सांसद मोहन मंडावी, प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप, बस्तर संभाग प्रभारी सांसद संतोष पांडेय, महा संपर्क अभियान प्रभारी विक्रम उसेंडी, यशवंत जैन, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, जिलाध्यक्ष सतीश लटिया सहित वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। उन्होंने बताया राजनाथ सिंह जी अपने जन सभा के पूर्व पद्मश्री अजय मंडावी के निवास पहुंच कर मुलाकात करेंगे। पद्मश्री अजय मंडावी का सम्मान पूरे बस्तर का सम्मान है पूरे बस्तर की कला और संस्कृति का सम्मान है।
प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कहते हैं कि मैं नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं। जरा वे बताएं कि बस्तर धर्मांतरण की आग में जल रहा है वहां वे कौनसी मोहब्बत की दुकान खोले हैं दुर्ग जहां प्रदेश के चार मंत्री निवास करते हैं वहां बिरनपुर में उन्होंने कौन सी दुकान खोली है। आज समूचा बस्तर धर्मांतरण की आग में जल रहा है। धर्मांतरित लोग आदिवासी और आदिवासी संस्कृति पर बड़ा भारी संकट बन चुके हैं। ये लोग आदिवासी संस्कृति की रक्षा में लगे आदिवासियों की जान के दुश्मन बन रहे हैं। आदिवासी नेताओं पर प्राणघातक हमले हो रहे हैं। आदिवासी संस्कृति की रक्षा कर रहे भाजपा नेताओं पर तीन तरफ से घात लगाई जा रही है। कांग्रेस सरकार के संरक्षण में धर्मांतरित लोग उन पर हमला कर रहे हैं, भूपेश बघेल की पुलिस दमन करते हुए जेल में ठूंस रही है और नक्सलियों के जरिये टारगेट किलिंग हो रही है। भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं को टारगेट बनाकर लगातार हत्याएं हो रही हैं। ऐसा लग रहा है मानो यह कांग्रेस की साजिश है, जो आदिवासी संस्कृति को खत्म कर देने की नीयत से अंजाम दी जा रही है।
भाजपा नेताओं ने कहा दो साल पहले से बस्तर के अधिकारी भूपेश बघेल सरकार को चेता रहे हैं कि धर्मांतरण के माध्यम से राष्ट्रांतरण का षड्यंत्र चल रहा है। दो साल से आदिवासी अस्मिता खतरे में है और भूपेश बघेल तब दिल्ली जाकर धर्मांतरण करने वालों के सामने समर्पण कर आते हैं, जब यहां आदिवासी सम्मान, स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाली गतिविधियों का आदिवासी समाज प्रतिवाद करता है। धर्मांतरित लोगों को आदिवासी उत्पीड़न की खुली छूट भूपेश बघेल सरकार ने दे रखी है। भूपेश बघेल अपनी सर्वोच्च नेता सोनिया गांधी को प्रसन्न कर अपनी कुर्सी बचाने की खातिर आदिवासी संस्कृति का आखेट कराने में लगे हुए हैं। आदिवासियों का धन खा जाने वाली कांग्रेस आज आदिवासी संस्कृति को खा जाना चाहती है। आदिवासियों से विभिन्न लोकलुभावन वादे करने वाली भूपेश सरकार ने अभी तक तेंदूपत्ता तोड़ाई का 354 करोड़ रुपए भुगतान नहीं किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पौने पांच साल से अलाप करवा रहे हैं कि भूपेश है तो भरोसा है! जगह- जगह भरोसे का सम्मेलन करा रहे हैं। इन सम्मेलनों में छत्तीसगढ़ की जनता का धन पानी की तरह बहाया जा रहा है। क्योंकि जनता को भूपेश पर भरोसा नहीं है। इसलिए ऐसे सम्मेलनों की जरूरत पड़ रही है। अब तक तो भूपेश बघेल पर जनता का भरोसा नहीं था, अब तो कांग्रेस के तथाकथित भरोसेलाल पर कांग्रेस आलाकमान को भी भरोसा नहीं रहा। यही वजह है कि जिन श्री टीएस सिंहदेव का भूपेश इस्तीफा स्वीकार कर अपने भरोसेमंद को विभाग सौंप रहे थे, उन्हीं सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाकर भूपेश बघेल को उनकी हैसियत से वाकिफ कराया गया है कि वे भरोसे के काबिल नहीं रहे।