हमर प्रदेश/राजनीति

रीपा से ग्रामीण क्षेत्रों में हुनर को मिल रही नई पहचान

रोजगार के नए अवसर मिलने से बदल रहीं गांव की तस्वीर, लघु उद्यम को मिल रहा बड़ा लाभ

2 लाख रूपए से अधिक के फ्लाई एश ब्रिक्स निर्माण का मिला ऑर्डर

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन की नवाचारी पहल रीपा की स्थापना से लघु उद्यम को बढ़ावा मिल रहा है और अधोसंरचना के निर्माण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिली है। रीपा जहां ग्रामीणों के लिए आजीविका का केन्द्र बना है। वहीं उद्योगों के विकास और व्यवसाय को विस्तार देने में भी मद्दगार साबित हो रही है। ग्रामीण युवा उद्यमी रोजगार प्राप्त कर गांव के आर्थिक विकास में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। रीपा से आए बड़े बदलाव से युवा उत्साहित है और शासन की इस पहल की सराहना भी कर रहे हैं।

कोरबा जिले के ग्राम चिर्रा में स्थापित रीपा से यहां के ग्रामीणों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। यहां रीपा में गेहूं, चना दाल मिल यूनिट, हल्दी, मिर्च, मसाला प्रोसेसिंग यूनिट, आचार निर्माण, दोना-पत्तल, चप्पल निर्माण, गोबर पेंट, पेवर ब्लॉक, फ्लाईएश ब्रिक्स निर्माण के यूनिट स्थापित किए गए हैं। साथ ही लोगों को बेहतर ढंग से काम करने के लिए सभी सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। ऊर्जा एवं उत्साह से भरपूर ग्रामीण महिलाएं एवं लघु उद्यमी रीपा से जुड़कर अपने हुनर को नई पहचान दे रहे हैं।

खेती-किसानी, रोजी मजदूरी एवं अपने घरेलू कार्याे में समय व्यतीत करने वाली इन उद्यमी महिलाओं के पास कुछ समय पूर्व अपने रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कोई अतिरिक्त आजीविका का साधन नहीं था। अब गांव में ही रूरल इंडस्ट्रियल पार्क प्रारंभ होने से उन्हें घर के पास ही रोजगार का जरिया मिल गया है। चिर्रा में स्थापित ग्रामीण औद्योगिक पार्क में चंद्रमुखी समूह द्वारा गुणवत्तायुक्त फ्लाई एश ब्रिक्स का निर्माण किया जा रहा है। ब्रिक्स यूनिट के माध्यम से महिला समूह के साथ ही अन्य ग्रामीणों को भी रोजगार मिला है। समूह के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन 4 से 5 हजार नग ईंट का निर्माण किया जा रहा है। मुख्य सड़क मार्ग से लगे इस रीपा में ईंट निर्माण का कार्य देखकर आसपास के गांव के लोगों द्वारा अपनी आवश्यकता अनुसार समूह को ईंट का आर्डर दे रहे हैं।

चिर्रा से लगे कुदमुरा, एलोंग, तौलीपाली, सिमकंेदा, गुरमा के ग्रामीणों द्वारा अब तक 70 हजार से अधिक का फ्लाई एश ब्रिक्स का आर्डर दिया जा चुका है। फ्लाईएश ब्रिक्स के विक्रय से 02 लाख रूपए से अधिक की आय समूह को प्राप्त होगी, जिसका उपयोग शासकीय भवन तथा अन्य निर्माण के लिए किया जाएगा। समूह की महिलाओं ने बताया प्रारंभिक स्तर पर ही शासकीय एवं निजी निर्माण कार्यों में उनके ईंट की लगातार मांग बढ़ती जा रही है, जिसके विक्रय से समूह को अच्छी आमदनी प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि विगत दिनों निर्मित 20 हजार फ्लाई एश ब्रिक्स का अमलडीहा पंचायत द्वारा क्रय किया गया है, जिससे समूह कों 60 हजार रूपए मिले हैं। ईंट निर्माण की अच्छी मांग से उत्पादक दीदी व युवाओं में उत्साह व आत्मविश्वास का संचार हो रहा है और वे अधिक ऊर्जा के साथ ईंट निर्माण कर रहे हैं।

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