सहभागी समाज सेवी संस्था ने अनाथ आश्रम में पढ़ी-बढ़ी लक्ष्मी का किया कन्या दान
कांकेर @ धनंजय चंद। बाजे गाजे की साथ धुन और लाल जोड़े में सजी दुल्हन। जिंदगी की नई शुरुआत करने जा रही लक्ष्मी के लिए ये दिन स्पेशल है। स्पेशल इसलिए क्योंकि अब ये किसी को अपना कह सकेगी,जिसके अब रिश्ते रिश्तेदार भी होंगे ।
बचपन में खेलने कूदने की उम्र में जब किसी के सर से माँ बाप का साया उठ जाता है तो उसे हर कोई अनाथ कह कर पुकारने लगता है,,,पर जब उसे कोई अपना मिल जाये तो उनकी झोली खुशियों से भर जाती हैहोंगे ऐसा हुआ है एक अनाथ लक्ष्मी के साथ,,,जो अब किसी के घर की लक्ष्मी बन गई है,,,जिसकी शादी पूरे विधि विधान पूर्वक बड़े ही धूमधाम के साथ कि गईहोंगे शादी में सरीख होने राजनेता से लेकर आम लोग काफी संख्या में आशीष देने पहुंचे.
लक्ष्मी की कहानी भी काफी दर्द भरी है। खेलने कूदने की उम्र में पिता का साया पहले छीन गया। माँ ने जब लक्ष्मी और छोटी बहन को संभाल पालन पोषण शुरू करना किया, तो डोंगरगढ़ के रेलवे स्टेशन में भी माँ की अचानक मौत हो गई। माँ के शव के पास बड़ी बच्चियों की मदद को कोई आगे नहीं आया। रोती बिलखती आवाज सुन रेलवे पुलिस ने बच्चियों को बाल संप्रेषण गृह भेजवा दिया, जहाँ से उन्हें बालिका बाल गृह कांकेर भेज गया,,,यहाँ रहकर पढ़ाई लिखाई कर आगे बढ़ते हुए लक्ष्मी सहभागी समाज सेवी संस्था से जुड़कर लोगो की सेवा करने लगी.
उम्र होने के बाद सहभागी समाज सेवी संस्था के प्रमुख बसंत यादव ने लक्ष्मी के हाथ पीले करने का सोच लिया, शादी के लिए जब रिश्ता अच्छा सामने आया तो उन्होंने इसे मना नहीं किया और पूरी जानकारी जुटाकर लक्ष्मी की शादी की तैयारी शुरू की और मंगलवार को वो दिन भी आ गया जब बाजे गाजे की धुन और पूरे रस्मो रिवाज के साथ लक्ष्मी की शादी सम्पन्न हुई। शादी में संस्था के सदस्यों ने माँ- बाप रिश्तेदार बनकर लक्ष्मी का कन्यादान कर उसे विदा किया। काफी संख्या में पहुंचे लोगों ने लक्ष्मी को आशीर्वाद दिया। यही नहीं मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी भी अपनी पत्नी के साथ शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे, यहाँ उन्होंने दोनों को आशीर्वाद भी दिया।
लक्ष्मी बताती है कि सहभागी समाज सेवी संस्था ही उनका परिवार थी, सभी ने एक परिवार बनाकर मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। आज जब मुझे एक परिवार और कोई अपना मिलने जा रहा है तो वह बेहद खुश है। दूल्हा बने दुर्गेश का कहना है कि वह लक्ष्मी को अपनी पत्नी के रूप में पाकर बेहद खुश है। शादी से पहले उन्होंने अपने परिवार और समाज से चर्चा की। परिवार औऱ समाज दोनों ने इस नेक कार्य के लिए हामी भरी और आज सभी इस शादी के गवाह बने।