हमर प्रदेश/राजनीति

नरसिंगपुर गौठान में बांस हस्त शिल्प निर्माण में रीपा बन रही आजीविका केंद्र

कांकेर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गांवों में ही रोजगार के बहुआयामी केंद्र स्थापित करने के उद्देश्य से गांवों में रीपा की शुरुआत की गई है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना रीपा के अंतर्गत सभी जिलों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का निर्माण किया गया है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के चयनित गौठानों को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से भानुप्रतापपुर विकासखंड के रीपा गौठान नरसिंगपुर में जहां गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट जैसे दोहरे लाभ वाली गोधन न्याय योजना संचालित है, वहीं महिलाएं कृषि और गैर कृषि आधारित आय मूलक कार्य कर रही हैं। यहां के स्थानीय लोगों के हुनर एवं स्थानीय संसाधनों पर आधारित आजीविका मूलक गतिविधियों के रूप में बांस हस्त शिल्प निर्माण इकाई की स्थापना की गई है।

नरसिंगपुर गांव में 13 से 14 परिवार के लोग पारधी कंडरा समुदाय से है, जिनका पुस्तैनी और पैतृक व्यवसाय दैनिक जीवन मे उपयोग होने वाले बांस से बने वस्तुओं जैसे सुपा, टुकना-टुकनी, सुपेली चाप, बीज बौनी पर्रा, बिजना, हाथ खांडा झाड़ू, मछली थापने के लिए थापा, मुर्गी मछली रखने का पात्र चोरिया झारा इत्यादि बनाई जाती है। क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी प्रवीण कवाची ने बताया कि इन परिवार के महिला सदस्यों को समूह बना कर गोधन न्याय योजना से जोड़ा गया है। रीपा गौठान नरसिंगपुर में शासन द्वारा बांस हस्त शिल्प इकाई का भी निर्माण किया गया है, ताकि गांव के बम्बू क्राप्ट व्यवसाय से जुड़े इन परिवार के लोगो को गांव में ही रोजगार व उनके द्वारा बांस से निर्मित वस्तुओं के बिक्री के लिए बाजार मिल सके।

समूह का संचालन करने वाली बिहान संस्था के ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर केतन चौहान ने बताया कि बांस हस्त शिल्प कार्य से जुड़े पारधी समुदाय के महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आरसेटी गोविंदपुर कांकेर द्वारा समय-समय पर निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिया जाता है।

परंपरागत बांस शिल्प कला के अलावा उनके हुनर को और अधिक उभारने बाजार मांग के अनुरूप बांस से निर्मित होने वाली विभिन्न प्रकार की घरेलू सामग्रियां जैसे बस्तर आर्ट, बांस से बनी सजावटी बैलगाड़ी, बांस से निर्मित फर्नीचर, टेबल कुर्सी, सजावट की वस्तुएं, फूलदान गुलदस्ते कप एवं चाय ट्रे, सोप सुपाड़ी रखने का बॉक्स, मोबाइल स्टैंड, वाटर बोतल बांस से बनी महिलाओं के उपयोग की सामग्री चूड़ी हैंगर, हैंड बैग, क्लेचर पर्स चूड़ी स्टैंड बांस से बनाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

रीपा गौठान नरसिंगपुर के पारधी समूह के सदस्य सूरज बत्ती, शिवकुमारी, मनीता ने बताया कि बांस से बनी सामग्रियों का मांग ज्यादा है। फुटकर एवं थोक विक्रेताओं के पास 250 नग प्रति नग 80 से 100 रुपए की दर से 20 हजार से अधिक की बिक्री कर चुके हैं। इसके अलावा बांस से बनी टुकनी 50 नग 70 रुपए की दर से 03 हजार 05 सौ रुपए बिक्री कर चुके हैं।

रीपा गौठान मैनेजर माधुरी जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि स्थानीय बाजार के अलावा सी-मार्ट कांकेर में भी बांस से बनी वस्तुओं की बहुत मांग है। महिला समूह द्वारा बांस से बनाई गई विभिन्न उत्पादों को बिक्री हेतु सी मार्ट कांकेर भेजने की तैयारी की गई है।

itehelka

Tehelka Ind, the leading news channel in India, is dedicated to delivering the latest and most accurate news to its viewers. With a team of experienced journalists and reporters, Tehelka Ind covers all aspects of news, from politics and business to entertainment and sports. Our commitment to impartiality and accuracy has made us a trusted source of news for millions of viewers across the country.

Related Articles

Back to top button